पाठ " दख का अधकार ु " के मल भाव से संबिधत एक अय कहानी ू / कथा क रचना च सहत
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पाठ का दुःख अधिकार के मूल भाव संबंधित कहानी लिखिए :
पाठ का दुःख अधिकार कहानी ‘यशपाल’ द्वारा लिखी गई है | कहानी में समाज में फैले अंधविश्वास और ऊँचे-नीचे के भेद-भाव के बारे में बताया है | धनी लोगों के लिए सब सहानुभूति देते है और गरीब लोगों की मज़बूरी पर मजाक बनाते है |
यह कहानी एक गरीब परिवार की है | वह परिवार के छोटी जाति का था | वह घर-घर जूते बेच कर अपने परिवार का पालन करता था | उसके परिवार में उसके दो बच्चे और उसकी पत्नी थी | एक दिन जब वह जूते बेच कर आ रहा था , रास्ते में उसका एक्सीडेंट हो जाता है | उसकी पत्नी उसे सब जगह खोजती है | अगली सुबह वह सड़क में मरा हुआ मिला | पत्नी सब देखकर चिल्ला-चिल्ला के रोने लगी |
वह छोटी जात के थे , उसकी मदद करने कोई नहीं आया | वह सबसे मदद मांगती रही , पर किसी ने उनकी मदद नहीं की | सभी लोग उसके बारे में बाते बना रहे होते है | वह रो रो कर बेहोश हो जाती है लेकिन उसे फिर भी लोग उसकी कोई मदद नहीं करते | उनके पास उसके क्रिया कर्म के पैसे नहीं थे | बच्चों ने उनकी माँ ने मिलकर अपने पिता का क्रिया कर्म किया |