पाठमाश्रित्य रत्नायाः सोमधरस्य च चारित्रिकवैशिष्ट्यम् सोदाहरणं
हिन्दीभाषया लिखत
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पाठ ‘कन्थामाणिक्यम्’ रत्नाया सोमधरस्य च हिंदीभाषया चारित्रिकवैशिष्ट्यम्....
पाठ ‘कन्थामाणिक्यम्’ में रत्ना एवं सोमधर का हिंदी भाषा में चरित्र-चित्रण....
रत्ना....
प्रस्तुत कथा में रत्ना भवानीदत्त की पत्नी है। भवानीदत्त शहर के प्रसिद्ध वकील हैं। वह अपने पुत्र सिंधु से स्नेहभाव रखती है। भवानीदत्त निर्धन लोगों की बस्ती के लोगों के बारे में अच्छे विचार नही रखते लेकिन रत्ना का स्वभाव भवानीदत्त के समान नही है।
सोमधर...
प्रस्तुत कथा में सोमधर एक निर्धन बालक है। उसकी मित्रता शहर के उच्च वर्गीय परिवार के बालक सिंधु से हो जाती है। सुंदर भले ही निर्धन है लेकिन उसका मन बड़ा दयालु है और उसका स्वभाव बड़ा सरल है। एक दुर्घटना में अपने मित्र सिंधु के घायल होने पर वह सिंधु की पूरी तरह सहायता करता है और सिंधु को सही-सलामत उसके घर तक पहुंचाता है। इस तरह वह बालक निर्धन होते हुए भी एक बड़ा हृदय रखता है। सिंधु के पिता भवानीदत्त जो निर्धनों के प्रति अच्छी दृष्टि और सोच नहीं रखते वह सोमधर के इस सद्व्यवहार से प्रभावित हो जाते हैं और निर्धनों के प्रति उनकी सोच परिवर्तित हो जाती है।
इस तरह सोमधर एक दयालु, सद्व्यवहारी और सदाचरण वाला बालक है, जो अपने सद्गुणों से अपने प्रति अच्छे विचार न रखने वाले व्यक्तियों का भी हृदय परिवर्तन कर देता है।
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संस्कृत (शास्वती) ♦ कक्षा - 11 ♦ दशमः पाठः (पाठ -10)
।। कन्थामाणिक्यम् ।।
इस पाठ से संबंधित कुछ अन्य प्रश्न...▼
संस्कृतेन उत्तरं दीयताम्
(क) रामदत्त: वचोभिः प्रसादयन् स्वामिनं किं पृच्छति?
(ख) भवानीदत्तस्य स्वभावः कीदृशः वर्णित:?
(ग) भवानीदत्तस्य पन्याः नाम किम् अस्ति?
(घ) सोमधरस्य गृहं कीदृशम् आसीत्?
(ङ) कयोः मध्ये प्रगाढा मित्रता आसीत्?
(च) कस्य विलम्बेन आगमने रत्ना चिन्तिता?
(छ) रत्ना राजपथविषये कि कथयति?
(ज) कः प्रतिदिनं पदाति: गमनागमनं करोति स्म?
(झ) क: वैद्यं दूरभाषेण आह्वयति?
(ञ) सोमधरः कथं धनहीनोऽपि सम्माननीय:?
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अधोलिखितानां कथनानां वक्ता कः/का?
कथनम् वक्ता
(क) तत्क्षमन्तामन्नदातार: -
(ख) तात! सोमधरः मयि स्निह्यति -
(ग) अये यो गुणवान् स एव सभ्यः -
स एव धनिकः स एव आदरणीयः । -
(घ) त्वं पुनः शिशुरिव धैर्यहीना जायसे । -
(ङ) पितृव्यचरण! स्वपितुः शाकशकट्याः ।
सज्जा मयैव करणीया वर्तते। -
(च) वत्स सोमधर! सत्यमेवासि त्वं
कन्थामाणिक्यम्। -
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