पौधों को प्रभावित करने वाले जलवायवीय कारकों का संक्षिप्त वर्णन कीजिये।
Answers
Answer:
जलवायु– जलवायु कृषि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। पौधों को उनके विकास के लिए पर्याप्त गर्म तथा नम जलवायु की आवश्यकता होती है। पौधे के अानुवंशिक गुण भी जलवायु से प्रभावित होकर प्रदर्शित होते हैं |
तापमान – फसल उत्पादन के लिय अनुकूल तापमान की आवश्यकता होती है अनुकूल तापमान पर इन्जाइम की सक्रियता बनी रहती है जिससे रासायनिक क्रियाएँ सुगमता से उत्पन्न होती हैं ग्रीष्मकालीन फसलों की वृध्दि के लिये 25° – 40° सेण्टीग्रेट के मध्य तथा शीतकालीन फसलों की वृध्दि के लिये 6°- 25° सेण्टीग्रेट तापमान उपयुक्त रहता है | तथा उत्पादन अच्छा होता है इसके अतिरिक्त तापमान प्रतिकूल होने पर पौधों की क्रियाएँ सुचारु रूप से नही हो पाती जिससे उपज पर दुष्प्रभाव पड़ता है |
प्रकाश – पौधों की वृध्दि एवं विकास में सूर्य प्रकाश का महत्वपूर्ण स्थान है क्योंकि प्रकाश संश्लेषण का प्रत्यक्ष सम्बन्ध सूर्य प्रकाश से है| जो पौधों की अभिवर्द्धि में सहायक है | पौधों एवं पत्तियों में क्लोरोफिल की मात्रा सूर्य प्रकाश के अनुरूप ही होती है |सूर्य प्रकाश द्वारा पौधों को भोजन की प्राप्ति होती है तथा उनका विकास होता है जिन प्रदेशों में सूर्य प्रकाश की उपलब्धता कम होती है, वहाँ फसलें अपेक्षाकृत कम मात्रा में ही उत्पन्न हो पाती है | प्रकाश के अभाव में पौधों एवं उनकी पत्तियों का रंग प्रभावित होता है तथा तिलहन का उत्पादन सम्भव नहीं है | प्रकाश के अभाव में पौधों को अनेको रोग लग जाते हैं जिससे उनका विकास अवरुद्ध हो जाता है, फलस्वरूप उत्पादन भी कम प्राप्त होता है |