पेड़ पौधों पर निर्भर है हमारे जीवन पर लघु नाटिका लिखिए संस्कृत में और कोई भी अलग चीजें ना लिखे कृपया करके मुझे बस इस प्रश्न का उत्तर दीजिए
Answers
hope it help
mark me as brilliant please
Answer:
हमारी प्रकृति की सुंदरता पेड़-पौधों पर निर्भर है। इसके बैगर प्रकृति वीरान लगता है। पेड़-पौधों का महत्व हम विश्ववासी को पता है लेकिन फिर भी हम इन बातों पर कुछ विशेष ध्यान नहीं देते है। प्राचीनकाल से मनुष्य और जीव-जंतु पेड़-पौधों पर निर्भर है। पाषाण युग में आदिमानव कंद-मूल, पेड़-पौधे के पत्ते, फल और डालियाँ खाते थे। तब मनुष्य को सभ्यता के बारे में कोई भी ज्ञान न था।
पेड़ों से आदिमानव अपने शरीर को ढकता था। पेड़ों पर अपना आश्रय ढूंढ लेता था। जंगली-जानवरो से बचने के लिए वो पेड़ों पर चढ़ जाता था। मनुष्य के जीवन में पेड़ों का महत्व जल बिन मछली जैसा है। पेड़ों से हमे छाया, मीठे फल, औषधि, लकड़ियां प्राप्त होती है। आज मनुष्य अपने स्वार्थ को पूर्ण करने के लिए बिना सोचे-समझे पेड़ों को काट रहा है। उसे इस बात का इल्म नहीं है की वह अपना और अपनी प्रकृति का कितना बड़ा नुक्सान कर रहा है।
प्राचीन काल में वृक्षों ने ही मनाव जाती को कई प्राकृतिक आपदाओं से बचाया है। तेज़ बारिश और तेज़ धुप से मनुष्य की रक्षा की है। मनुष्य अपने घरों, कारखानों, स्कूलों, शॉपिंग मॉल बनाने के लिए वृक्षों की कटाई कर रहे है। कई पेड़ रोज़ाना काटे जाते है। लेकिन पेड़ लगाने के विषय में लोग कम सोचते है।
पेड़ -पौधे प्रकाश संश्लेषण कार्य करते है जिसे अंग्रेजी में फोटोसिंथेसिस कहा जाता है। हम मनुष्य कार्बन डाइऑक्साइड छोड़ते है, जो पौधे सोख लेते है, उसके साथ जल और सूरज की किरणों की आवशयकता होती है। पौधे प्रकाश संस्लेषण से ऑक्सीजन निर्माण करते है। जितने अधिक पेड़-पौधे होंगे उतना वातावरण में ऑक्सीजन का निवास होगा।
जितने ज़्यादा पेड़ काटेंगे चाहे वह सड़क या कोई कंपनी का निर्माण के लिए हो। वायु में ऑक्सीजन की कमी पायी जाएगी। आजकल बाजार में विभिन्न तरीके के फर्नीचर्स की मांग बढ़ रही है। इसलिए सागौन जैसे कई अनेक पेड़ कांटे जा रहे है। जितने पेड़ काटे जा रहे प्रदूषण अपने चर्म सीमा पर जा रहा है। लगातार सड़को पर वाहनों की संख्या बढ़ रही है।
कार्बन डाइऑक्साइड, मीथेन जैसी गैस की बढ़ोतरी के कारण ग्रीन हाउस इफ़ेक्ट जैसे प्रक्रिया उतपन्न हो रही है। ग्रीन हाउस एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमे किसी भी गृह के वातावरण में कार्बोंडिऑक्सीड जैसी गैस तापमान को अपेक्षाकृत बढ़ा देती है जो नुक्सान देह है।
पेड़ों की जड़े उपजाऊ मिटटी यानी humus soil को पकड़े रखती है। जिससे भूमि कटाव नहीं हो पाता। पेड़ों की वजह से वर्षा होती है। पेड़ों को काटने की वजह से मानसून महीने में वर्षा की मात्रा में कमी आ रही है। पेड़ पौधे प्रकृति द्वारा दी गयी अमूल्य भेंट है। बढ़ते औद्योगीकरण के कारण पेड़ों पौधे की संख्या में कमी आ रही है। वो दिन दूर नहीं की पृथ्वी का अंत हो जायेगा। पेड़ नहीं तो पृथ्वी नहीं और पृथ्वी नहीं तो हम नहीं। पेड़ हमारे जीवन के लिए अत्यंत आवश्यक है। इसलिए हमे अधिक से अधिक पेड़ पौधे लगनी चाहिए।