पेड़ धरा पर महान सबको देते जीवन और अपना करते विश्वास किस निबंध पर 100 शब्द पर अनुच्छेद लिखिए
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हमारी प्रकृति की सुंदरता पेड़-पौधों पर निर्भर है। इसके बैगर प्रकृति वीरान लगता है। पेड़-पौधों का महत्व हम विश्ववासी को पता है लेकिन फिर भी हम इन बातों पर कुछ विशेष ध्यान नहीं देते है। प्राचीनकाल से मनुष्य और जीव-जंतु पेड़-पौधों पर निर्भर है। पाषाण युग में आदिमानव कंद-मूल, पेड़-पौधे के पत्ते, फल और डालियाँ खाते थे। तब मनुष्य को सभ्यता के बारे में कोई भी ज्ञान न था।
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वृक्ष प्रकृति की अनमोल धरोहर व पर्यावरण के संरक्षक हैं । सृष्टि के प्रारंभिक क्षणों से पृथ्वी मानव की सहचरी रही है। इसी के सौरभमय रमणीय नैनाभिराम वातावरण में मानव ने स्वार्गिक आनंद का अनुभव किया है। यही नहीं प्रकृति के प्रति उसके मन में एक अटूट श्रद्धा और आस्था रही है। निस्संदेह प्रकृति के अनमोल उपहारों में से ये हरे भरे तथा सुखद छाया और शीतलता प्रदान करने वाले वृक्ष किसके मन में आस्था के अंकुर उत्पन्न नहीं कर देते। अतः प्रकृति ने हमें बहुत कुछ दिया है, जिनमे वृक्षों का स्थान प्रकृति के उपहारों में से सर्वोपरि है। वृक्ष मानव के चिरंतर साथी हैं, कभी वो वृक्षों की छाया में बैठकर अपनी थकन मिटाता है, तो कभी इनके मधुर फल खाकर अपनी भूख शांत करता है। तभी तो वृक्षों को मनुष्य का आश्रयदाता माना जाता है। इस धरती पर प्रकिर्तिक शोभा को बढ़ने वाले ये वृक्ष ही हैं, धरती की गोद में यदि ये हरे भरे वृक्ष ना होते तो यह साड़ी पृथ्वी मरघट के सामान डरावनी और भयानक सी प्रतीत होती। वर्षा के हेतु ये वृक्ष ही हैं, इन वृषों से ही धरती की हरियाली जीवंत है।