Hindi, asked by vishalkumar4642, 2 months ago

पाया दूसने गुरूऔरचेवाक्वा पर​

Answers

Answered by Braɪnlyємρєяσя
1

Explanation:

तारे डूबे तम टल गया छा गई व्योम-लाली।

पक्षी बोले तमचुर जगे ज्योति फैली दिशा में।

शाखा डोली तरु निचय की कंज फूले सरों में।

धीरे-धीरे दिनकर कढ़े तामसी रात बीती॥1॥

फूली फैली लसित लतिका वायु में मन्द डोली।

प्यारी-प्यारी ललित-लहरें भानुजा में विराजीं।

सोने की सी कलित किरणें मेदिनी ओर छूटीं।

कूलों कुंजों कुसुमित वनों में जगी ज्योति फैली॥

Answered by HorridAshu
2

{\huge{\boxed{\tt{\color {black}{Question}}}}}

पाया दूसने गुरूऔरचेवाक्वा पर?

{\huge{\boxed{\tt{\color {blue}{❥ ᴀɴsᴡᴇʀ}}}}}

तारे डूबे तम टल गया छा गई व्योम-लाली।

पक्षी बोले तमचुर जगे ज्योति फैली दिशा में।

शाखा डोली तरु निचय की कंज फूले सरों में।

धीरे-धीरे दिनकर कढ़े तामसी रात बीती॥1॥

फूली फैली लसित लतिका वायु में मन्द डोली।

प्यारी-प्यारी ललित-लहरें भानुजा में विराजीं।

सोने की सी कलित किरणें मेदिनी ओर छूटीं।

कूलों कुंजों कुसुमित वनों में जगी ज्योति फैली॥

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