. 'पच्' धातुरूपं लट् तथा लङ्ग लकारे लिखत।
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लेट् लकार - अनेक कालों तथा अनेक मनोभावों को प्रकट करने वाले इस लकार का प्रयोग वेद में ही पाया जाता है। लौकिक संस्कृत में इसका अभाव है। लोट् लकार — आज्ञा देने के भाव को प्रकट करने के लिए लोट् लकार का प्रयोग किया जाता है। यथा— स: गृहकार्यं करोतु ।
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