Social Sciences, asked by KratosWar, 3 months ago

पडित शादीराम को किसकी चिंता थी

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Answered by nupurkaushik450
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Answer:

कहानी में मानवीय भावनाओं का सुंदर ढंग से चित्रण किया गया है। फिर अंधकार था। उसमें प्रका पंडित शादीराम ने ठंडी आह भरी और सोचने लगे - क्या यह ऋण कभी सिर और परंतु दिल के बुरे न थे। वे चाहते थे कि जिस तरह भी हो, अपने यजमान लाला सदानंद उनके लिए एक-एक पैसा मोहर के बराबर था।

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