padh kise kehte h ? with example
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पद की परिभाषा
जब कोई शब्द स्वतंत्र न रहकर व्याकरण के नियमों में बँध जाता है, तब वह शब्द ‘पद’ बन जाता है। इस प्रकार वाक्य में प्रयुक्त शब्द ही ‘पद’है। कारक, वचन, लिंग, पुरुष इत्यादि में बँधकर शब्द ‘पद’बन जाता है।
जैसे -
सीता गाती है।
ईश्वर रक्षा करे।
यहाँ ‘सीता, ‘ईश्वर’आदि शब्द वाक्य में प्रयुक्त होकर ‘पद’में परिवर्तित हो गए हैं।
दूसरे शब्दों में कहा जा सकता है कि जब सार्थक वर्ण-समूह अर्थात अर्थपूर्ण शब्द का प्रयोग वाक्य में किया जाता है, तो उस शब्द को पद कहते हैं। अब यह केवल शब्द नहीं रह जाता है बल्कि यह शब्द वाक्य में लिंग, वचन, सर्वनाम, क्रिया, विशेषण इत्यादि दर्शाता है।
जैसे –
राम आम खा रहा है।
इस वाक्य में ‘राम’ और ‘आम’ शब्द का पद परिचय है ‘संज्ञा’, और ‘खा रहा है’ का पद परिचय है ‘क्रिया’।
शब्द पद कब बन जाता है
जब कोई सार्थक शब्द वाक्य में प्रयुक्त होता है, तब उसे 'पद' कहते हैं। पर जब इसका प्रयोग वाक्य में होता है, तो इसका रूप भी बदल जाता है, इसलिए वाक्य में प्रयुक्त होने पर शब्द को ‘पद’कहा जाता है।
जैसे –
राम आम खा रहा है।
इस में राम, आम, खा रहा है ये सभी पद है।