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महानगरों में दिन प्रतिदिन बढ़ती अपराध
प्रवृत्तियों की और ध्यान आकर्षण करते हुए किसी प्रतिष्ठित समाचार पत्र के संपादक को पत्र लिखते और इस
निपटाने की सुझाव भी दीजिए
Answers
पत्र लिखना
Explanation:
से
सूरज
नई दिल्ली
सेवा
संपादक
टाइम्स ऑफ इंडिया
नई दिल्ली
महोदय,
उप: राजधानी शहर में अपराध
मैं आपके ध्यान में हाल ही में राजधानी शहर में अपराध दर में वृद्धि लाना चाहता था। मुझे यकीन है कि आप इसके बारे में जानते हैं और यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हमारे देश की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाता है। कानून प्रवर्तन केवल नीति का कर्तव्य नहीं है; मीडिया और नागरिक इसे बनाए रखने में समान रूप से महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। मैं आपको सुझाव दूंगा कि हर छोटे से छोटे अपराध पर लेख प्रकाशित करें जो जनता द्वारा उनके इलाके में रिपोर्ट किए जाते हैं, हर नागरिक को एक पत्रकार बनने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। जब किसी समाचार पत्र में अपराध को आप के रूप में प्रतिष्ठित किया जाता है, तो इस पर अधिक ध्यान दिया जाएगा और प्रशासन उचित कार्रवाई करेगा। इससे अपराध दर को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी।
भवदीय,
सूरज
महानगरों में दिन प्रतिदिन बढ़ती अपराध प्रवृत्तियों की और ध्यान आकर्षण करते हुए किसी प्रतिष्ठित समाचार पत्र के संपादक को पत्र लिखते और इस निपटाने की सुझाव भी दीजिए:
रामनगर,
शिमला जिला,
हिमाचल पदेश,
दिनांक – 30 जुलाई 2020
सेवा में,
श्रीमान संपादक महोदय,
दैनिक टाइम्स,
नेताजी रोड, शिमला |
विषय: महानगरों में दिन प्रतिदिन बढ़ती अपराध प्रवृत्तियों की और ध्यान आकर्षण करते हुए किसी प्रतिष्ठित समाचार पत्र के संपादक को पत्र|
महोदय,
मैं आपके लोकप्रिय समाचार पत्र के माध्यम से अपने क्षेत्र में व्याप्त अपराध सरकार के अधिकारियों का ध्यान में बढ़ती हुई अपराध वृत्ति की ओर दिलाना चाहती हूं। आशा है कि आप मेरे पत्र को अपने लोकप्रिय समाचार पत्र में प्रकाशित करेंगे। 1 माह से इस क्षेत्र में अपराध प्रवृत्ति बढ़ गई है। महानगरों में दिन प्रतिदिन बढ़ती अपराध आजकल गुंडागर्दी ,हत्याएं ,लूटपाट, बलात्कार जैसी आपराधिक घटनाएं लगातार हो रही हैं। आए दिन घरों के ताले तोड़कर चोर घरों में घुसकर वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। लुटेरों की हिम्मत भी इतनी इतना बढ़ गयी है कि राह चलती महिलाओं के गले से चेन खींचने की घटनाएं भी आम बात हो गई है। बढ़ते अपराधों से महिलाएं डर के कारण घर से अकेले आने जाने का भी साहस नहीं जुटा पाती हैं।
महोदय दुख तो इस बात का है कि अनेक राजनीतिक दल गैर सरकारी संस्थाओं तथा छात्र संगठनों के द्वारा कई बार इस और ध्यान रख दिलाए जाने के बावजूद केंद्र सरकार कुछ नहीं कर रही है। वह संबंधित पुलिस अधिकारियों को कड़े निर्देश जारी नहीं करती।
मेरा केंद्र सरकार तथा पुलिस के अधिकारियों से अनुरोध है कि वे इस संबंध में कठोर कार्यवाही करें, जिससे अपराधियों के मन में डर उत्पन्न हो और अपराध करने से पहले सौ बार सोचे।
धन्यवाद!
भवदीय,
ईशा शर्मा |
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समाज में बढ़ते अपराध को रोकने के लिए नागरिकों को जागरूक करने का आग्रह करते हुए किसी दैनिक अखबार के संपादक को 80-100 शब्दों में पत्र लिखिए।