• पहाड़ियों पर बने किलों के बारे में अपने विचार लिखिए।
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पहाड़ियों पर बने किले सुरक्षा की दृष्टि से अभेद्य होते थे, क्योंकि यह ऊंचाई पर होते थे इस कारण शत्रुओं का पहुंचना आसान नहीं होता था। ऊंचाई पर स्थित होने के कारण किले से चारों तरफ शत्रु पर नजर रखी जा सकती थी और शत्रु के आगमन का काफी दूर से ही पता चल जाता था, जिससे किले वाले सतर्क हो जाते थे।
भारत में प्राचीन समय में पहाड़ियों पर किले इसी उद्देश्य से बनाए जाते थे ताकि जब शत्रु आक्रमण करने के आये तो ऊंचाई पर होने के कारण दूर से ही शत्रु के आगमन का पता चल सके और उसके आक्रमण का जवाब देने के लिए पर्याप्त तैयारी की जा सके।
जब अस्त्र शस्त्रों जैसे कि तीर कमान, तोपों आदि से आक्रमण किया जाता है तो ऊंचाई से नीचे की तरफ वार करेंगे तो शस्त्र का आवेग अधिक तीव्रता से होगा। जबकि नीचे से ऊंचाई की तरफ करेंगे तो गुरुत्वाकर्षण के कारण शस्त्र का आवेग इतनी तेज गति से नहीं होगा।
ऊंचाई पर स्थित सैनिक अपने दुश्मन पर आक्रमण करते तो उनके तीर कमान का आवेग तीव्र होता था, इस कारण दुश्मन जल्दी पस्त हो जाता था। जबकि दुश्मन उतनी तीव्रता से आक्रमण नहीं कर पाता था। पहाड़ियों पर के लिए बनाने का यह भी एक मुख्य कारण होता था। पहाड़ियों पर किले बनाने का मुख्य उद्देश्य सुरक्षा को मजबूत करना ही होता था।
Explanation:
किले कई प्रकार के होते हैं समतल जमीन पर बने भूमि कोटक समुद्र तट अथवा जल में बने जलदुर्ग वन में बने वंदुर्गा तथा पहाड़ियों पर बने गढ़ किले पहाड़ियों पर बने के लिए अनेक कारणों से की अनेक कारणों से बहुत उपयोग होते थे यह किले बहुत ऊंचाई पर स्थित होते |किलो से आसपास के दूर-दूर तक के क्षेत्रों पर नजर रखी जा सकती था शत्रु की ओर से की जाने वाली किसी तरह की गतिविधि पर किले से नजर रखी जा सकती थी और सुरक्षा की दृष्टि से गढ़ के लिए बहुत उपयोगी होते थे छात्रों द्वारा आक्रमण किए जाने की स्थिति में इनकी लोक से आंसू का सामना करना बहुत आसान होता था कि ले शत्रु के लिए पहुंचना लोहे के चने चबाने के बराबर होता था पहाड़ों से दुश्मन पर वार करना बहुत आसान होता था इस प्रकार पहाड़ियों पर बनने के लिए अनेक दृष्टि से अत्यंत उपयोगी होते थे