Sociology, asked by ovviji2515, 1 year ago

पहले विश्व युद्ध के समय भारत का औद्योगिक उत्पादन क्यों बढ़ा?

Answers

Answered by nikitasingh79
24

उत्तर :  

पहले विश्व युद्ध के समय भारत का औद्योगिक उत्पादन निम्नलिखित कारणों से  बढ़ा :  

(क) ब्रिटिश कारखाने सेना की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए युद्ध सामग्री का उत्पादन करने लगे थे । इसलिए भारत में मैनचेस्टर के माल का आयात काम हो गया और भारतीय उद्योगों को रातों-रात एक विशाल देशी बाज़ार मिल गया।

(ख) युद्ध लंबा खिंच जाने के कारण भारतीय कारखानों में भी सेना के लिए जूट की बोरियां, वर्दी के कपड़े ,टेंट और चमड़े के जूते , घोड़े तथा खच्चर की जीन आदि सामान बनने लगे । इसके लिए नई कारखाने भी लगाए गए।।

(ग) पुराने कारखाने कई कई शिप्टों में चलने लगे। अनेक मजदूरों को काम पर रखा गया। प्रत्येक मज़दूर को पहले से भी अधिक समय तक काम करना पड़ता था।  फलस्वरूप युद्ध के दौरान औद्योगिक उत्पादन तैयारी से बढ़ा।

आशा है कि है उत्तर आपकी मदद करेगा।

इस पाठ से संबंधित कुछ और प्रश्न  

उन्नीसवीं सदी के यूरोप में कुछ उद्योगपति मशीनों की बजाय हाथ से काम करने वाले श्रमिकों को प्राथमिकता क्यों देते थे।

https://brainly.in/question/9629811

ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारतीय बुनकरों से सूती और रेशमी कपड़े की नियमित आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए क्या किया।  

https://brainly.in/question/9629683

कल्पना कीजिए कि आपको ब्रिटेन तथा कपास के इतिहास के बारे में विश्वकोश (Encyclopaedia) के लिए लेख लिखने को कह गया है। इस अध्याय में दी गई जानकारियों के आधार पर अपना लेख लिखिए।  

https://brainly.in/question/9630060

Answered by Anonymous
6

Explanation:

अति प्राचीन काल से समाज शब्द का प्रयोग मनुष्य के समूह विशेष के लिए होता आ रहा है। जैसे भारतीय समाज , ब्राह्मण समाज , वैश्य समाज , जैन समाज , शिक्षित समाज , धनी समाज , आदि। समाज के इस व्यवहारिक पक्ष का अध्यन सभ्यता के लिए विकास के साथ-साथ प्रारंभ हो गया था। हमारे यहां के आदि ग्रंथ वेदों में मनुष्य के सामाजिक जीवन पर पर्याप्त प्रकाश डाला गया है।

इनमें पति के पत्नी के प्रति पत्नी के पति के प्रति , माता – पिता के पुत्र के प्रति , पुत्र के माता – पिता के प्रति , गुरु के शिष्य के प्रति , शिष्य के गुरु के प्रति , समाज में एक व्यक्ति के दूसरे व्यक्ति के प्रति , राजा का प्रजा के प्रति और प्रजा का राजा के प्रति कर्तव्यों की व्याख्या की गई है।

मनु द्वारा विरचित मनूस्मृति में कर्म आधारित वर्ण व्यवस्था और उसके महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला गया है और व्यक्ति तथा व्यक्ति , व्यक्ति तथा समाज और व्यक्ति तथा राज्य सभी के एक दूसरे के प्रति कर्तव्यों को निश्चित किया गया है। भारतीय समाज को व्यवस्थित करने में इसका बड़ा योगदान रहा है इसे भारतीय समाजशास्त्र का आदि ग्रंथ माना जा सकता है।

Similar questions