Hindi, asked by shrenidhanwate, 5 months ago

पहलवान ढोलक को अपना गुरु क्यों मानता था?​

Answers

Answered by shishir303
1

पहलवान ढोलक को अपना गुरु इसलिए मानता था क्योंकि जब भी उसकी ढोलक की थाप बजती थी, तो उसे असीम ऊर्जा मिलती और वह ढोलक की थाप पर ही पहलवानी का दंगल जीत जाता था। ढोलक की थाप ने ही उसे पहलवानों के गुर सिखाए थे। इसी कारण वह ढोलक को अपना गुरु मानता था।

व्याख्या :

‘पहलवान की ढोलक’ पाठ में जहाँ यह संदेश है कि व्यवस्था बदलने के साथ-साथ लोक कलाओं और इसस संबंधित कलाकार के अप्रासंगिक हो जाने से उनकी दुगर्ति हो जाती है, वहीं इस कथा के माध्यम से यह संदेश देने का भी प्रश्न किया गया है कि लोक कलाओं को संरक्षण दिया जाना चाहिए ताकि लुट्टन पहलवान जैसे किसी भी व्यक्ति को अपने जीवन में इतनी तकलीफों का सामना ना करना पड़े।

Similar questions