"पखा पखी के कारनै, सब जग रहा भुलान ।
निरपख होइ के हरि भजै, सोई संत सुजान ।।
(क) 'पखापखी' का आशय स्पष्ट कीजिए।
(ख) सारा संसार किस कारण किसे भूला हुआ है?
(ग) सच्चा संत कौन है?
(घ)'हरि -भजन'के लिए कैसी भावना होनी चाहिए?
(च) अनुप्रास अलंकार का उदाहरण छांटिए ।
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Answers
"पखा पखी के कारनै, सब जग रहा भुलान ।
निरपख होइ के हरि भजै, सोई संत सुजान ।।
कबीर जी इस दोहे से समझाना चाहते है , मनुष्य पक्ष और विपक्ष के चक्कर में पड़ा हुआ है और अपने-अपने विचारों को श्रेष्ठ मानने में लगे हुए है | वह मनुष्य असली ज्ञानी नहीं है | दुनिया भूल-भलिया में पड़ी हुई है| सच्च यही है कि जो मनुष्य निष्पक्ष होकर ईश्वर का भजन करता है वह सच्चा ज्ञानी है , वह सच्चा संत है| जो मनुष्य दुनिया से अलग किसी के चक्करों में नहीं पड़ता है| सच्चे हृदय , मन से भक्ति करता है वह ज्ञानी है|
(क) 'पखापखी' का आशय स्पष्ट कीजिए।
उत्तर : 'पखापखी' का आशय है पक्ष और विपक्ष में चक्कर में दुनिया पड़ी हुई है|
(ख) सारा संसार किस कारण किसे भूला हुआ है?
उत्तर : सारा संसार पक्ष और विपक्ष में चक्कर में ईश्वर की सच्ची भक्ति को भूला हुआ है | वह अपने आप को दूसरों से बेहतर समझने में लगा हुआ है |
(ग) सच्चा संत कौन है?
उत्तर : सच्च यही है कि जो मनुष्य निष्पक्ष होकर ईश्वर का भजन करता है वह सच्चा ज्ञानी है, वह सच्चा संत है| जो मनुष्य दुनिया से अलग किसी के चक्करों में नहीं पड़ता है| सच्चे हृदय , मन से भक्ति करता है वह ज्ञानी है|
(घ)'हरि -भजन'के लिए कैसी भावना होनी चाहिए?
उत्तर : 'हरि -भजन'के लिए हृदय में सच्ची भावना होनी चाहिए| मनुष्य का दिल साफ होना चाहिए| दुनिया के चक्करों से दूर , सभी मोह-माया को छोड़कर सिर्फ हरी-भजन को प्राप्त करने की भावना होनी चाहिए|
(च) अनुप्रास अलंकार का उदाहरण छांटिए ।
उत्तर : निरपख होइ के हरि भजै, सोई संत सुजान ।। इस पंक्ति में अनुप्रास अलंकार है|