पल्लवन से क्या आशय है विशेषता सहित स्पष्ट कीजिए
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पल्लवन का शाबिदक अर्थ-किसी भी विषय के 'विस्तृत होने, विस्तार पाने, बढ़ने या विकसित होने की ओर संकेत करता है। ... ''किसी निर्धरित विषय जैसे- सूत्रा-वाक्य, उकित या विवेच्य-को-अपने अनुभूति के सहारे-उदाहरण, तर्क आदि करते हुए-प्रवाहमयी, सहज अभिव्यकित-शैली में-मौलिक, सारगर्भित विस्तार देना-'पल्लवन कहलाता है।
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पल्लवन का आशय विशेषता सहित निम्न प्रकार से स्पष्ट किया गया है।
पल्लवन
- .किसी विषय , युक्ति अथवा विवेचन के विस्तार
देने की प्रक्रिया पल्लवन कहलाती है।
इसे भाव - पल्लवन या भाव विस्तारण कहते
है।
- पल्लवन का रूप गद्यात्मक होता है।
- पल्लवन का अर्थ है विस्तृत या बड़ा रूप।
- पल्लवन का विलोम अर्थ होता है संक्षेपण।
- पेड़ में नए पत्ते फूटने की क्रिया पल्लवन
कहलाती है।
पल्लवन की विशेषताएं
- पल्लवन में कल्पनाशीलता होती है, लेखक कल्पना करता है।
- पल्लवन में मौलिकता का ध्यान रखा जाता है।
- लेखक को संतोष तथा सृजनात्मक अवसर प्राप्त होते है।
- पल्लवन करते समय लेखक को भाषा ज्ञान रहता है।
- पल्लवन करते समय शब्दों का चयन बहुत सावधानी से किया जाता है।
- पल्लवन में क्रमबद्धता तथा सहजता होती है।
- पल्लवन में सहजता भी दिखाई देती है।
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