palastik mukat bharat
Answers
Answer:
yes palstik should be banned because it is harmful for nature and human beings
Explanation:
Essay on Plastic Pollution बाज़ार से सामान उठाकर लाने की सहूलियत देने वाली पॉलीथीन (Plastic) हमारे पर्यावरण के लिए बहुत हानिकारक है किन्तु थोड़ी सी सहूलियत के लिए हम समूचे जीव जगत को खतरे में डाल रहे हैं।
पॉलीथीन (Polythene) ऐसे रसायनों से बनाया जाता है जो जमीन में 100 सैंकड़ों वर्ष तक गाड़ देने से भी नष्ट नहीं होता सौ साल के पश्चात भी पॉलीथीन को जमीन से ज्यों का त्यों निकाला जा सकता है। जरा सोचें हमारी धरती माता संसार की हर चीज़ हजम कर लेती है किन्तु पॉलीथीन तो उसे भी हजम नहीं होता। पॉलीथीन पृथ्वी के स्वास्थ्य और हमारे स्वास्थ्य पर बहुत बुरा असर डालता है। पॉलीथीन पानी के रास्ते को अवरुद्ध करता है खनिजों का रास्ता रोक लेता है अर्थात एक ऐसी रुकावट जो जीवन के सहज प्रवाह को रोक लेती है।
पॉलिथीन जानलेवा है यह जीवन के लिए ज़हर है पॉलिथीन से निकलने वाली ज़हरीली गैसें हवा के साथ मिलकर उसे ज़हरीला बनाती हैं। पानी में फेंके जाने पर ये जलचक्र में बाधक होकर बादल बनने से रोकता है पानी के जीवों के असमय मौत का कारण बनता है। खुले में पॉलिथीन का फेंका जाना और भी खतरनाक है। यह मिट्टी को भुरभुरी कर देता है और पशुओं की मौत का कारण भी पॉलिथीन ही बनता है।
Polythene Pollution in Hindi Language
हम धर्म के नाम पर पुण्य कमाने के लिए अक्सर गाय माता तथा अन्य जानवरों को पॉलीथीन में लिपटी रोटी , सब्जी , फल आदि ही डाल देते हैं। वे बेजुबान पशु उसे ज्यों का त्यों निगल जाते हैं जिससे उनकी आँतों में रुकावट पैदा होती है और वे तड़प -तड़प कर मर जाते हैं। ऐसा करने से भला हमने कौन सा पुण्य कमाया है ?
Effects of Plastic Pollution in Hindi
नदी , नहरों , झीलों और तालाबों में हम न जाने कितना सारा पॉलीथीन अन्य समाग्रियों के साथ बहा देते हैं जिससे पानी दूषित हो जाता है और बचा हुआ पॉलीथीन पानी में रहने वाले प्राणी अनजाने में निगल जाते हैं और मर जाते हैं। सन 2005 में इसी पॉलीथीन के कारण नालों का पानी अवरुद्ध होने से आधी मुम्बई पानी में डूब गयी थी। इसीलिए हमें पॉलीथीन से परहेज करना चाहिए और इसे फेंकने की वजाय जला देना चाहिए।
प्लास्टिक प्रदूषण का समाधान
पॉलीथीन को इस्तेमाल करने से बचें इसकी जगह कागज और कपड़े का प्रयोग करना चाहिए। रंग बिरंगे पॉलीथीन वैसे ही कैंसर जनक रसायनों से बनते हैं और काले रंग के पॉलीथीन में तो सबसे ज्यादा हानिकारक रसायन होते हैं जो बार बार पॉलीथीन के चक्रण से बनते हैं।
इसीलिए हमें प्लास्टिक प्रदूषण की गंभीरता को समझना होगा और जमीन पर फेंके गए प्लास्टिक का निपटारा किया जाना चाहिए क्योंकि यदि प्लास्टिक जमीन में धस जाए तो यह कभी नहीं गलती और यह मिट्टी के पौष्टिक तत्वों को भी नष्ट कर देती है।
इन बातों को अपनी रोजाना की जिन्दगी में अपनाकर ही हम प्लास्टिक प्रदूषण को धीरे समाप्त कर सकते हैं , इसीलिए अपनी आदतों को सुधारकर ही हम प्रदूषण की बढती हुई समस्या को खत्म कर सकते हैं अब समय आ गया है के हम अपनी बुरी आदतों को छोड़ कुछ जीवन सुधारक कदम उठाकर अपनी आने वाली भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक बेहतर जीवन सुनिश्चत कर सकते हैं।
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