'पन्हैया' से क्या अभिप्राय है ?
ख) पहनने योग्य
(क) वस्त्र
(ग) जूतियाँ
घ) आभूषण
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सही जवाब है...
(घ) जूतियां
व्याख्या :
पन्हैया शब्द से अभिप्राय जूतियों से है।
प्रेमचंद के फटे जूते पाठ में लेखक हरिशंकर परसाई ने प्रेमचंद के फटे जूतों के विषय में वर्णन किया है।
लेखक ने एक प्रसंग का जिक्र करते हुए कहा था कि राजस्थान के कवि कुंभनदास का जूता फतेहपुर सीकरी आने जाने में घिस गया, जिससे उन्हें बड़ा पछतावा हुआ।
वो कहते है, कि
आवत जा पन्हैयां घिस गयीं। भूलौ गयो हरि नाम।
अर्थात बुलाकर सम्मान देने वालों से कोई फायदा नहीं। इससे सम्मान ना लेना ही बेहतर है। उनका जूता तो चलने से फट गया तुम्हारा जूता कैसे फटा, क्योंकि तुम तो कोई सामान लेने कहीं गए नहीं। मुझे लगता है तुमने किसी चीज को ठोकर मारी है, जिससे जूता फट गया।
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