History, asked by gautamc476, 7 months ago

panipat ki pehli ladai 1526 par prakash dale​

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Answered by saniya2080
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Explanation:

पानीपत का पहला युद्ध

पानीपत का पहला युद्ध, उत्तरी भारत में लड़ा गया था और इसने इस इलाके में मुग़ल साम्राज्य की नींव रखी। यह उन पहली लड़ाइयों में से एक थी जिसमें बारूद, आग्नेयास्त्रों और मैदानी तोपखाने को लड़ाई में शामिल किया गया था।

सन् 1526 में, काबुल के तैमूरी शासक ज़हीर उद्दीन मोहम्मद बाबर, की सेना ने दिल्ली के सुल्तान इब्राहिम लोदी, की एक ज्यादा बड़ी सेना को युद्ध में परास्त किया।

युद्ध को 21 अप्रैल को पानीपत नामक एक छोटे से गाँव के निकट लड़ा गया था जो वर्तमान भारतीय राज्य हरियाणा में स्थित है। पानीपत वो स्थान है जहाँ बारहवीं शताब्दी के बाद से उत्तर भारत के नियंत्रण को लेकर कई निर्णायक लड़ाइयां लड़ी गयीं।

एक अनुमान के मुताबिक बाबर की सेना में 12,000-25,000 के करीब सैनिक और 20 मैदानी तोपें थीं। लोधी का सेनाबल 1,00,000 के आसपास था, हालांकि इस संख्या में शिविर अनुयायियों की संख्या शामिल है, जबकि लड़ाकू सैनिकों की संख्या कुल 50,000 से 80,000 के आसपास थी, इसके साथ कम से कम 500 युद्ध हाथियों ने भी युद्ध में भाग लिया था। क्षेत्र के हिंदू राजा-राजपूतों इस युद्ध में तटस्थ रहे थे, लेकिन ग्वालियर के कुछ तोमर राजपूत इब्राहिम लोदी की ओर से लड़े थे।पानीपत में तीन ऐतिहासिक लड़ाईयां हुईं -

1.पहली लड़ाई - 1526 (पानीपत का प्रथम युद्ध)

2. दूसरी लड़ाई - 1556 (पानीपत का द्वितीय युद्ध)

3.तीसरी लड़ाई - 1761 (पानीपत का तृतीय युद्ध)

Answered by priyankadanu113
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Explanation:

पानीपत का पहला युद्ध, उत्तरी भारत में लड़ा गया

था और इसने इस इलाके में मुग़ल साम्राज्य की नींव रखी। यह उन पहली लड़ाइयों में से एक थी जिसमें बारूद, आग्नेयास्त्रों और मैदानी तोपखाने को

लड़ाई में शामिल किया गया था।

सन् 1526 में, काबुल के तैमूरी शासक ज़हीर उद्दीन मोहम्मद बाबर, की सेना ने दिल्ली के सुल्तान

इब्राहिम लोदी, की एक ज्यादा बड़ी सेना को युद्ध में परास्त किया।

युद्ध को 21 अप्रैल को पानीपत नामक एक छोटे से गाँव के निकट लड़ा गया था जो वर्तमान भारतीय

राज्य हरियाणा में स्थित है। पानीपत वो स्थान है

जहाँ बारहवीं शताब्दी के बाद से उत्तर भारत के नियंत्रण को लेकर कई निर्णायक लड़ाइयां लड़ी

गयीं।

एक अनुमान के मुताबिक बाबर की सेना में 12,000-25,000 के करीब सैनिक और 20 मैदानी तोपें थीं। लोधी का सेनाबल 1,00,000 के आसपास था, हालांकि इस संख्या में शिविर अनुयायियों की संख्या शामिल है, जबकि लड़ाकू सैनिकों की संख्या कुल 50,000 से 80,000 के आसपास थी, इसके साथ कम से कम 500 युद्ध हाथियों ने भी युद्ध में

भाग लिया था। क्षेत्र के हिंदू राजा-राजपूतों इस युद्ध में तटस्थ रहे थे, लेकिन ग्वालियर के कुछ तोमर

राजपूत इब्राहिम लोदी की ओर से लड़े थे।पानीपत में तीन ऐतिहासिक लड़ाईयां हुईं -

1.पहली लड़ाई - 1526 (पानीपत का प्रथम युद्ध)

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