Hindi, asked by venkateswarlu222, 5 months ago

पराबैंगनी किरणों कैसे लाभदायक है और कैसे हानिकारक ?​

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Answered by muskanmishra58
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Answer:

वैज्ञानिकों के अनुसार पराबैंगनी किरणों से किसी भी व्यक्ति की त्वाचा के लिए नुकसानदायक है। वाशिंगटन, प्रेट्र: सूर्य की तेज किरणों के संपर्क में आने पर हमारी त्वचा में कई प्रकार के प्रभाव पड़ते हैं। यह लाल-काली और छिल सी जाती है। सूर्य की पराबैंगनी किरणों की चपेट में आने से त्वचा कैंसर होने तक का खतरा रहता है।

Explanation:

पराबैंगनी विकिरण से त्वचा कैंसर होने का खतरा

पराबैंगनी विकिरण जिसे मानव आंख नहीं देख सकती है उसे फोटान की उर्जा और तरंगदैघ्र्य के आधार पर चार श्रेणियों में विभाजित किया गया है। पिछले अध्ययनों में यह बताया गया है कि प्रत्येक प्रकार के यूवी (पराबैंगनी) विकिरण त्वचा से त्वचा कैंसर हो जाता है, लेकिन वास्तव में यह कैसे मानव त्वचा को नुकसान पहुंचाता है। इस पर अभी तक उतना ध्यान नहीं दिया गया है।

फेस पह हो सकती हैं झुर्रियां

कॉस्मेटिक इंडस्ट्री के शोधकर्ता सालों से इस बात पर बहस करते रहे हैं कि यूवी बी की तुलना में यूवी ए ज्यादा नुकसानदेह होता है। जिसकी वजह से झुर्रियां पड़ती हैं और त्वचा के ऊतकों में बदलाव होता है, जबकि वर्तमान में किए गए अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया कि कोई भी यूवी विकिरण एक दूसरे से कम या ज्यादा हानिकारक नहीं होता है, बल्कि नुकसान यूवी ऊर्जा की उस मात्र से होता है जो त्वचा अवशोषित करती है। जितनी ज्यादा ऊर्जा का विकिरण त्वचा अवशोषित करती है उतना ही ज्यादा नुकसान पहुंचता है। कम विकिरण केवल ऊपरी सतह को नुकसान पहुंचाता है, लेकिन ज्यादा विकिरण अंदर तक प्रभाव डालता है।

सूर्य की पराबैंगनी किरणों से हो सकता है कैंसर- रिसर्च

सूर्य की पराबैंगनी किरणों से कैंसर भी हो सकता है इस बात का खुलासा एक शोध में हुआ है। वैज्ञानिकों के अनुसार पराबैंगनी किरणों से किसी भी व्यक्ति की त्वाचा के लिए नुकसानदायक है।

वाशिंगटन, प्रेट्र:

सूर्य की तेज किरणों के संपर्क में आने पर हमारी त्वचा में कई प्रकार के प्रभाव पड़ते हैं। यह लाल-काली और छिल सी जाती है। सूर्य की पराबैंगनी किरणों की चपेट में आने से त्वचा कैंसर होने तक का खतरा रहता है। वैज्ञानिकों ने अब उस प्रक्रिया के बारे में बताया है कि किस प्रकार से सूर्य द्वारा उत्सर्जित पराबैंगनी विकिरण हमारी त्वचा को नुकसान पहुंचाता है। यह अध्ययन ‘मैकेनिकल बिहैवियर ऑफ बायोमैटीरियल्स’ पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।

बिंगहैम्टन यूनिवर्सिटी में बायोमेडिकल इंजीनियरिंग में पीएचडी कर रहे जेचरी डब्ल्यू लिपस्की ने नए अध्ययन में बताया है कि सूर्य किस तरह से हमारी त्वचा को नुकसान पहुंचाता है और हमारी त्वचा के लिए किस प्रकार का पराबैंगनी विकिरण सबसे खराब है। असिस्टेंट प्रोफेसर के. जर्मन के नेतृत्व में इस अध्ययन को अंजाम दिया गया है।

ऊपरी परत के बंधन को कमजोर करता है विकिरण

शोधकर्ताओं ने अध्ययन में बताया कि विकिरण स्ट्रेटम कॉर्नियम (त्वचा की सबसे ऊपरी परत) में कोशिकाओं के बीच के बंधन को कमजोर करता है, जिससे की कॉर्नोडेसमोसोम में प्रोटीन प्रभावित होता है। कॉर्नोडेसमोसोम ऊपरी परत की एसी संरचना है जिससे कोशिकाएं आपस में चिपकी रहती हैं। इसी वजह से सनबर्न से त्वचा छिल जाती है। वैज्ञानिकों ने बताया कि अभी इस बात पर अध्ययन जारी है कि यूवी विकिरण त्वचा की गहरी परतों को कैसे प्रभावित करता है। उन्होंने बताया कि सबसे महत्वपूर्ण यह है कि चाहे कोई भी मौसम हो विकिरण से हमें अपनी त्वचा की हमेशा रक्षा करनी चाहिए।

वाशिंगटन, प्रेट्र: सूर्य की तेज किरणों के संपर्क में आने पर हमारी त्वचा में कई प्रकार के प्रभाव पड़ते हैं। यह लाल-काली और छिल सी जाती है। सूर्य की पराबैंगनी किरणों की चपेट में आने से त्वचा कैंसर होने तक का खतरा रहता है। वैज्ञानिकों ने अब उस प्रक्रिया के बारे में बताया है कि किस प्रकार से सूर्य द्वारा उत्सर्जित पराबैंगनी विकिरण हमारी त्वचा को नुकसान पहुंचाता है।

Answered by sussymaggi12345
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Hope this helps

Explanation:

I guess this is the answer

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