परिभाषित करो दोलन का आवरतकाल।
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दोलन करता हुआ लोलक किसी एक बिन्दु जितने समय बाद पुनः वापस आ जाता है उसे उसका 'आवर्तकाल' कहते हैं। यदि लोलक का आयाम कम हो तो इसका आवर्तकाल आयाम पर निर्भर नहीं करता बल्कि केवल लोलक की लम्बाई और गुरुत्वजनित त्वरण के स्थानीय मान पर निर्भर होता है। लोलक का आवर्तकाल लोलक के द्रव्यमान पर भी निर्भर नहीं करता।
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