Hindi, asked by ayaanahmedkhan, 1 month ago

पराजय के बाद कुँवर सिंह भावी संग्राम की
योजना बनाने लगे। इससे उनके व्यक्तित्व
के बारे में क्या पता चलता है?​

Answers

Answered by devanshuved
0

Answer:

never to lose hope,keep trying untill you wins

Answered by jyotitomar
2

↪उत्तर⤵️

साहस – कुँवरसिंह का पूरा जीवन ही उनके साहसपूर्ण घटनाओं से भरा पड़ा है। परन्तु उनका अपनी घायल भुजा को स्वयं काटकर गंगा में समर्पित कर देना साहस का सबसे अद्वितीय उदहारण है।

उदारता – कुँवरसिंह का व्यक्तित्व बड़ा ही उदार था। उनकी माली हालत अच्छी न होने के बावजूद वे निर्धनों की हमेशा सहायता करते थे। इसी उदारता के फलस्वरूप उन्होंने कई तालाबों, कुँओं, स्कूलों तथा रास्तों का निर्माण किया।

स्वाभिमानी – कुँवरसिंह स्वाभिमानी व्यक्ति थे यह इसी बात से पता चलता है कि वयोवृद्ध होने के बाद भी उन्होंने अंग्रेजों के आगे अपने घुटने नहीं टेके।

सांप्रदायिक सद्भाव – सांप्रदायिक सद्भाव में कुँवरसिंह की गहरी आस्था थी इसलिए इब्राहिम खाँ और किफायत हुसैन उनकी सेना में धर्म के आधार पर नहीं अपितु कार्यकुशलता और वीरता के कारण उच्च पद पर आसीन थे। उनके यहाँ हिन्दुओं के और मुसलमानों के सभी त्योहार एक साथ मिलकर मनाए जाते थे।

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