Hindi, asked by kapilsaini1545, 6 months ago

परोपकार का अर्थ है - दूसरों की भलाई करना। महर्षि व्यास ने
अट्ठारह पुराणों की रचना करके उनका सार केवल दो शब्दों में कह
दिया परोपकार पुण्य के लिये और पाप केवल दूसरों को पीड़ा
पहुँचाने के लिये होता है। संपूर्ण प्रकृति भी हमें परोपकार की शिक्षा
देती है। परोपकार द्वारा मानव में सुख, शांति, त्याग, सहिष्णुता
आदि गुण विकसित होते हैं। अतः परोपकार यश प्राप्ति हेतु नहीं
बल्कि कर्तव्य मानकर करना चाहिए। परोपकार उस चंदनवन की
तरह होता है, जिसकी महक से वह स्वयं तो सुवासित होता ही है,
आस-पास का वातावरण भी महकता है।​

Answers

Answered by littlekitty
0

इसमें करना क्या है??? DEAR

Similar questions