परिश्रम से सभी कार्य पूरे होते हैं । इस वाक्य को संस्कृत में अनुवाद करें
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Answer:
तस्य पुजा अलसाः आसन्।
Explanation:
Step : 1 मध्यम पुरुष–जिससे बात की जाती है; जैसे-तुम (त्वम्), तुम दोनों (युवाम्), तुम सब (यूयम्)। (3) उत्तम पुरुष-स्वयं बात करने वाला; जैसे—मैं (अहम्), हम दोनों (आवाम्), हम सब (वयम्)। त्वम्, युवाम्, यूयम्, अहम्, आवाम्, वयम्-इन छ: कर्ताओं को छोड़कर अन्य सभी कर्ता प्रथम पुरुष में आते हैं।
Step : 2 जब हम हिन्दी से संस्कृत में अनुवाद करते है, तब कर्ता और क्रिया दोनों ही - एक ही वचन तथा एक ही काल, एक ही पुरुष, एक ही पद के होना चाहिये। यदि कर्ता एक वचन है तो पुरुष भी एक वचन और क्रिया भी एक ही वचन की होगी। इस प्रकार अहम् गच्छामि, दोनों एक वचन है, एक ही पुरुष है उत्तम पुरुष। मै जाता हूँ ।
Step : 3 संस्कृत के लोगों के एक छोटे से दायरे तक सीमित होने का एक कारण पंडितों का संकीर्ण दृष्टिकोण था। उन्होंने कभी भी भाषा को आम लोगों तक नहीं पहुंचने दिया। इसलिए, आज भारत में पहली भाषा के रूप में संस्कृत नहीं है, जैसे फ्रैंकोफोन देशों में फ्रेंच और पश्चिम एशिया में अरबी।
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