परित्यक्त चीनी किले से जब हम चलने लगे, तो एक आदमी राहदारी माँगने आया हमने वह दोनों
चिटें उसे दे दी। शायद उसी दिन हम थोइला के पहले के आखिरी गाँव में पहुँच गए। यहाँ भी
सुमति के जान पहचान के आदमी थे और भिख मंगे रीते भी ठहरने अच्छी जगह मिली। पाँच साल
बाद हम इसी रास्ते लौटे थे और भिखमंगे नहीं एक भद्र यात्री के वेश में घोड़ा पर सवार होकर
आए थे, किंतु उस वक्त किसी ने हमें रहने के लिए जगह नहीं दी, और हम गाँव के एक सबसे
गरीब झोपड़े में ठहरे थे।
पात के काल हैं। आपके परिवार की आर्थिक
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परित्यक्त चीनी किले से जब हम चलने लगे, तो एक आदमी राहदारी माँगने आया हमने वह दोनों
चिटें उसे दे दी। शायद उसी दिन हम थोइला के पहले के आखिरी गाँव में पहुँच गए। यहाँ भी
सुमति के जान पहचान के आदमी थे और भिख मंगे रीते भी ठहरने अच्छी जगह मिली। पाँच साल
बाद हम इसी रास्ते लौटे थे और भिखमंगे नहीं एक भद्र यात्री के वेश में घोड़ा पर सवार होकर
आए थे, किंतु उस वक्त किसी ने हमें रहने के लिए जगह नहीं दी, और हम गाँव के एक सबसे
गरीब झोपड़े में ठहरे थे।
पात के काल हैं। आपके परिवार की आर्थिक
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परित्यक्त चीनी किले से जब हम चलने लगे, तो एक आदमी राहदारी माँगने आया हमने वह दोनों
चिटें उसे दे दी। शायद उसी दिन हम थोइला के पहले के आखिरी गाँव में पहुँच गए। यहाँ भी
सुमति के जान पहचान के आदमी थे और भिख मंगे रीते भी ठहरने अच्छी जगह मिली। पाँच साल
बाद हम इसी रास्ते लौटे थे और भिखमंगे नहीं एक भद्र यात्री के वेश में घोड़ा पर सवार होकर
आए थे, किंतु उस वक्त किसी ने हमें रहने के लिए जगह नहीं दी, और हम गाँव के एक सबसे
गरीब झोपड़े में ठहरे थे।
पात के काल हैं। आपके परिवार की आर्थिक