Hindi, asked by Sizzllngbabe, 4 months ago

पराधीनता एक अभिशाप पर अनुच्छेद लिखिए

Answers

Answered by Anonymous
6

Answer:

HOPE THIS HELPS YOU

Explanation:

Cloning: A Blessing or A Curse

Cloning: A Blessing or A Curse“Cloning is an advance technological invention for producing a genetic twin of a living thing, an organism that starts life with the same genes as its parents. In mammals, DNA is taken from an adult animal and then it is inserted into an egg cell from another animal. This egg then divides into an embryo. The embryo is then transplanted into a surrogate mother and grown to term. This process has worked in animals like cows, sheep, goats, mice, pigs, while such attempts could not succeed in rabbits, rat, cat, dog, monkey and horse.”

if you need it in Hindi also I will,

क्लोनिंग: एक आशीर्वाद या एक अभिशाप

क्लोनिंग: एक आशीर्वाद या एक अभिशाप “क्लोनिंग एक जीवित चीज़ के आनुवंशिक जुड़वां के निर्माण के लिए एक अग्रिम तकनीकी आविष्कार है, एक जीव जो अपने माता-पिता के समान जीन के साथ जीवन शुरू करता है। स्तनधारियों में, डीएनए एक वयस्क जानवर से लिया जाता है और फिर इसे दूसरे जानवर से अंडा सेल में डाला जाता है। यह अंडा फिर एक भ्रूण में विभाजित होता है। फिर भ्रूण को एक सरोगेट माँ में प्रत्यारोपित किया जाता है और उसे विकसित किया जाता है। इस प्रक्रिया ने गायों, भेड़, बकरियों, चूहों, सूअरों जैसे जानवरों में काम किया है, जबकि खरगोश, चूहे, बिल्ली, कुत्ते, बंदर और घोड़े में इस तरह के प्रयास सफल नहीं हो सके। ”

Answered by OyeeKanak
30

 \huge{ \mathfrak{ \color{aqua}{ANSWER}}}

पराधीनता’ शब्द ‘पर’ और ‘अधीनता’ के मेल से बना है, जिसका अर्थ है-दूसरों की अधीनता। अर्थात् हमारा जीवन, व्यवहार, कार्य आदि दूसरों की इच्छा पर निर्भर होना। वास्तव में पराधीनता एक अभिशाप है। पराधीन मनुष्य की जिंदगी उसी तरह हो जाती है, जैसे-पिंजरे में बंद पक्षी। ऐसा जीवन जीने वाला मनुष्य सपने में भी सुखी नहीं हो सकता है। उसे दूसरों का गुलाम बनकर अपनी इच्छाएँ और मन मारकर जीना होता है। पराधीन व्यक्ति को कितनी भी सुविधाएँ क्यों न दी जाए वह सुखी नहीं महसूस कर सकता है क्योंकि उसकी मानसिकता गुलामों जैसी हो चुकी होती है।

पराधीन व्यक्ति का मान-सम्मान और स्वाभिमान सभी कुछ नष्ट होकर रह जाता है। पराधीनता से मुक्ति पाने का साधन त्याग एवं बलिदान है। हमारा देश भी अंग्रेज़ों की पराधीनता झेल रहा था, परंतु क्रांतिकारी एवं देशभक्त युवाओं ने अपना सब कुछ त्याग कर स्वयं को संघर्ष की आग में झोंक दिया। उन्होंने अंग्रेज़ों के अत्याचार सहे, जेलों में प्राणांतक यातनाएँ सही। हज़ारों-लाखों ने अपनी कुरबानी दी। यह संघर्ष रंग लाया और हमें पराधीनता के अभिशाप से मुक्ति मिली। अब स्वतंत्र रहकर अभावों में भी सुख का अनुभव करते हैं।

Similar questions