पर्वों का बदलता रूप व स्वरूप पर निबंध pls short answer
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भारतीय स्वभावत: उत्सवप्रिय होते हैं। वे समय-असमय उत्सव मनाने का बहाना खोज लेते हैं। यह उनके स्वभाव में प्राचीन काल से शामिल रहा है। मनुष्य अपने थके-हारे मन को पुन: स्फूर्ति तथा उल्लासमय बनाने के लिए विभिन्न प्रकार के पर्व मनाता रहा है। मनुष्य के जीवन में पर्वो का महत्वपूर्ण स्थान है, क्योंकि ये मानव-जीवन को खुशियों से भर देते हैं तथा हमें निराशा एवं दुख से छुटकारा दिलाते हैं। वास्तव में पर्व सांस्कृतिक चेतना के वाहक हैं।
भारत में आए दिन कोई-न-कोई पर्व और त्योहार मना लिया जाता है। यहाँ कभी महापुरुषों की प्रेरणाप्रद पुण्यतिथियों तथा जयंतियों का आयोजन किया जाता है तो कभी ऋतु मौसम, महीने के आगमन और प्रस्थान पर पर्व मनाए जाते हैं। साथ ही धार्मिक तथा क्षेत्रीय पर्व एवं त्योहर भी मनाए जाते हैं।
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