Hindi, asked by tanmaydas84001, 2 months ago

पर्वत कहता शीश उठाकर, तुम भी ऊँचे बन जाओ, सागर कहता है लहराकर, मन में गहराई लाओ | पृथ्वी कहती धैर्य न छोड़ो, कितना ही हो सर पर भार, नभ कहता है फैलो इतना ढक लो तुम सारा संसार | समझ रहे हो क्या कहती है उठ-उठ गिर-गिर तरंग-तरंग भर लो, भर लो अपने मन में मीठी-मीठी मृदुल उमंग | (क) पर्वत और सागर हमें क्या सन्देश देते हैं ? (ख) मन में हमें क्या भरना चाहिए ? (ग) अपने जीवन में प्रकृति के अलावा आप अन्य किससे प्रेरित होते हैं और क्यों ?​

Answers

Answered by manishvikashpandey
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Answer:

१--पर्वत हमें सम्मान और गर्व के साथ आगे बढ़ने का पाठ पढ़ाता है तथा सागर, प्रत्येक परिस्थिति में सभी अड़चनो में अपने आप को सामान्य बनाए रखने का संदेश देता है। (२)-मन में हमें गहराई लाना चाहिए ताकि हमारी भाव को कोई भी व्यक्ति आसानी से समझ ना सके।(३)--अपने जीवन में हम प्रकृति के अलावा अपने माता पिता शिक्षक तथा अपने समाज से प्रेरित होते हैं क्योंकि वे हमारे साथ बचपन से रहे हैं जिन्हें हम देखते पले बढ़े हैं जो हमारे प्रेरणा के स्रोत होते हैं।

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