Hindi, asked by farhan2404, 8 months ago

पर्वत प्रदेश में पावस'' कविता का सारांश 70-80 शब्दों में लिखिए।

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Answered by bhatiamona
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पर्वत प्रदेश में पावस'' कविता का सारांश 70-80 शब्दों में लिखिए।

पर्वत प्रदेश में पावस'' कविता कवि सुमित्रानंदन पंत जी द्वारा लिखी गई है| कवि  ने पर्वत प्रदेश में वर्षा ऋतू का वर्णन किया है|

प्रकृति सजीव रूप के बारे में बताया गया है| वर्षा ऋतु में प्रकृति अपने बहुत से रूप बदलती है| कभी-कभी वर्षा हो जाती है और कभी धूप निकल जाती है| पर्वतों में उगे हुए फूल पर्वतों की आँखों के तरह लगते है और वह इनके द्वारा फैले हुए दर्पण रूपी तालाब को देख रहे हो | पेड़ इतने सुंदर लगते है जैसे वह आसमान को छूना चाहते हो | पर्वतों से गिरते हुए झरनों की आवाज़ मन को प्रसन्नता दे रही है|  

मौसम ऐसा हो गया है कि घनी धुंध के कारण लग रहा है मानो पेड़ कही उड़ गए हों अर्थात गायब हो गए हों,चारों ओर धुँआ होने के कारण लग रहा है कि तालाब में आग लग गई है। मौसम में इंद्र भी अपना बादल रूपी विमान ले कर इधर उधर जादू का खेल दिखता हुआ घूम रहे है।

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Answered by shailajavyas
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Answer:

     कवि ने वर्षाऋतु में प्रकृति के पल -पल परिवर्तन का वर्णन किया  है  | ऐसा प्रतीत होता है  कि पर्वतचोटियाँ  निचली सतह पर ताल को निहार रही है |  झरने  गिरि का यश बखान कर रहे है | पर्वतों के वृक्ष नि:शब्द नभ पर ताकते है | बादलों के पंख लगाकर पर्वत , झरने रखकर लुप्त हो गए | भयभीत शाल के वृक्ष जमीन में समा गए एवं तालाब धुआं हो गया, मानों इन्द्रदेव ने जलयान पर सवार होकर अपना इंद्रजाल फैलाया है |

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