परियोजना कार्य - 'गिरगिट' कहानी में आवारा पशुओं से जुड़े किस नियम की चर्चा हुई है? क्या आप इस नियम को उचित मानते हैं? तर्क सहित उत्तर दीजिए।
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आवारा पशुओं को खुला छोड़ना एक दंडनीय अपराध है। ऐसा करने पर उस पशु के मालिक को कानून के तहत सजा या जुर्माना हो सकता है। हम इस नियम को उचित मानते हैं क्योंकि आवारा पशुओं को खुला छोड़ने पर वे किसी को भी नुकसान पहुँचा सकते हैं।
आवारा पशुओं में भी जान होती है। यदि मनुष्य उसके रास्ते में आए और उससे आहत हो जाए, तो इसका अर्थ यह नहीं होता कि उसे मार दिया जाए। मनुष्य की मर्जी होती है, तो वह राह चलते जानवरों को मार देते हैं। यह भी तो सही नहीं है। जब तक पशु मनुष्य को लाभ दे रहे तब तक उन्हें अपने साथ रखते है उसके बाद उन्हें छोड़ देते है |ऐसे मनुष्यों को सज़ा नहीं होती है, तो फिर आवारा पशुओं को क्यों। यह नियम इनके प्रति बहुत कठोर है। इससे अच्छा तो यह चाहिए कि इन्हें ऐसे स्थान पर छोड़ दिया जाए, जहाँ आबादी न हो और यह सुखपूर्वक रहें। नहीं तो उनके मालिकों पर कानून का शिकंजा कसा जाना चाहिए ताकि जानवरों को लावारिसओं की भांति न छोड़ा जाए। परन्तु मारने का निर्णय अमानवीय है। ऐसा करने पर मनुष्य को दंड मिलना चाहिए ताकी कोई भी आगे से ऐसा न करे|