परियोजना/क्रियाकलाप अपने समीप के गाँव में जाकर देखिए की वहाँ कौन-कौन सी फसलें उगाई जाती हैं एवं कृषक से खेती के लिए किए जाने वाले विभिन्न कार्यों के बारे में पूछिए। -
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Answer:
जब खेती से केवल इतनी उपज होती है कि उससे परिवार का पेट किसी तरह से भर पाए तो ऐसी खेती को जीविका निर्वाह कृषि कहते हैं। इस तरह की खेती जमीन के छोटे टुकड़ों पर की जाती है। आदिम औजार तथा परिवार या समुदाय के श्रम का इस्तेमाल होता है। इस प्रकार की खेती मुख्य रूप से मानसून पर और जमीन की प्राकृतिक उर्वरता पर निर्भर होती
Explanation:
निर्वाह कृषि दो प्रकार की होती है — ( i ). गहन निर्वाह कृषि , ( ii ). आदिम निर्वाह कृषि ।
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( ii ). आदिम निर्वाह कृषि
क्षेत्र नाम
उत्तर – पूर्व भारत ( जैसे – मेघालय , नागालैंड , मिजोरम आदि ) झूम
बुन्देलखंड बेवार
आन्ध्र प्रदेश पोडू
छत्तीसगढ़ दीपा
प्रारम्भिक जीवन निर्वाह कृषि भूमि के छोटे टुकड़ो पर आदिम कृषि औजारों जैसे लकड़ी के हल, डाओं और खुदार्इ करने वाली छड़ी तथा परिवार अथवा समुदाय श्रम की मदद् से की जाती है।
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Answer:
प्रारंभिक जीविका निर्वाह कृषि या स्थानान्तरित कृषि : ...
गहन जीविका कृषि : ...
वाणिज्यिक कृषि :
परियोजना/क्रियाकलाप अपने समीप के गाँव में जाकर देखिए की वहाँ कौन-कौन सी फसलें उगाई जाती हैं एवं कृषक से खेती के लिए किए जाने वाले विभिन्न कार्यों के बारे में पूछिए।
- चूंकि भारत इतना बड़ा राष्ट्र है, इसलिए यहां विभिन्न प्रकार की खाद्य और गैर-खाद्य फसलें हैं जो रबी, खरीफ और ज़ैद के तीन प्राथमिक कृषि मौसमों में उगाई जाती हैं। चावल, गेहूं, बाजरा, मक्का और दालें सभी खाद्य फसलें हैं। गन्ना, तिलहन, बागवानी फसलें, चाय, कॉफी, रबर, कपास और जूट सभी नकदी फसलें हैं।
- कोई भी खेत तब तक सफल नहीं हो सकता जब तक कि मिट्टी को यथासंभव उपजाऊ न रखा जाए।
- इन कार्यों में रासायनिक उर्वरकों, जैविक उर्वरकों या दोनों के संयोजन का उपयोग किया जा सकता है।
- एक किसान कई प्रकार की फसलें उगा सकता है या केवल एक पर ध्यान केंद्रित कर सकता है, जैसे कि मक्का।
- अन्य लोग फल, मेवा या क्रिसमस ट्री भी उगा सकते हैं। कुछ फार्म पशु और डेयरी गायों के साथ-साथ घोड़ों के प्रजनन, उत्पादन और प्रशिक्षण के विशेषज्ञ हैं।
- एक खेत, चाहे वह छोटा हो या बड़ा, एक कंपनी है, और किसान को फसलों और जानवरों, बिक्री और लागत, लाभ और हानि, और कर्मचारियों के भुगतान का ट्रैक रखना चाहिए।