परियोजना निर्माण एवं परियोजना प्रतिवेदन में क्या अंतर है ?
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परियोजना प्रतिवेदन का अर्थ परियोजना प्रतिवेदन शुरू की जाने वाली प्रस्तावित परियोजना के संबंध में विभिन्न तथ्यों, सूचनाओं तथा विश्लेषणों का सारांश होता है। यह किसी परियोजना के संबंध में विनियोग अवसरों के निर्धारण , मल्यांकन तथा नियोजन के बाद तैयार किया गया एक प्रलेख है, जो प्रस्तावित योजना के बारे में विविध जानकारी , जैसे- परियोजना के उद्देश्य, संक्षिप्त विवरण, वित्तीय संरचना संयंत्र उपकरण कच्चे माल, तकनीकी श्रम , विभिन्न भौतिक संसाधन, प्रबंधकीय व्यवस्था, बाजार, विपणन व्यवस्था, निर्यात, लागत, लाभदायकता, रोकड़ प्रवाह आदि प्रदान करता है।
संक्षेप में, परियोजना प्रतिवेदन किसी फर्म या उद्यमी के द्वारा प्रारम्भ की जाने वाली परियोजना की विभिन्न क्रियाओं एवं उनकी तकनीकी, वित्तीय, वाणिज्यिक तथा सामाजिक व्यवहार्यताओं का एक लिखित लेखा है। परियोजना प्रतिवेदन में विशेषज्ञों द्वारा प्रेषित साध्यताया व्यवहार्यता प्रतिवेदनों के समस्त आवश्यक तथ्यों को शामिल करते हुये परियोजना के चयन हेतु स्पष्ट सुझाव दिया जाता है। परियोजना प्रतिवेदन उच्च प्रबंधकों को विचारार्थ प्रेषित किया जाता है, जो सन्तुष्ट होने पर परियोजना के चयन के लिए अपनी स्वीकृति प्रदान करते हैं।
संक्षेप में, उद्योग की स्थापना से पहले उत्पाद के निर्माण, उद्योग के संचालन, विपणन आदि की सम्पूर्ण जानकारी परियोजना प्रतिवेदन में दर्शायी जाती है। इस प्रतिवेदन के आधार पर ही आगामी वर्षों में उद्योग में होने वाले सम्भावित उत्पादन एवं उद्योग स्थापना, संचालन आदि पर होने वाले खर्चे इत्यादि की गणना के साथ-साथ लाभ की गणना भी की जाती है। अतः सम्पूर्ण जानकारी एकत्रित करने के बाद ही परियोजना प्रतिवेदन तैयार करना चाहिए।
किसी भी कार्य को करने से पहले एक परियोजना (Project) बनाया जाता हैं। जिसमें कार्य को किस भातिं से,कब,कहां और कैसे करना हैं। वह सभी बातें स्पष्ट रुप से लिखी होती हैं। एक सफल परियोजना के निर्माण में कई चरणों से होकर गुजरना पड़ता हैं। बिना परियोजना निर्माण के कोई कार्य अच्छे से सम्पन्न हो ही नहीं सकता हैं।
परियोजना निर्माण के विभिन्न चरण
किसी भी परियोजना की शुरुआत करने से पहले उस पर भली – भाँति विचार विमर्श कर लेना चाहिए और उसके बाद ही आगे की कार्यवाही करनी चाहिए। बिना जाँच विचारे किसी कार्य को करना घातक सिद्ध हो सकता हैं। इस प्रकार से परियोजना निर्माण में मुख्य रूप से 6 चरण या अवस्थाएं होती हैं। जो कि नीचे इस प्रकार से दी गई हैं –
1. परियोजना की पहचान करना (Project Identification)
2. परियोजना निरुपण की चरण (Project Formulation)
3. परियोजना का मूल्यांकन (Project Appraisal)
4. परियोजना का चयन (Selection of Project)
5. परियोजना का क्रियान्वयन (Project Implementation)
6. परियोजना समारम्भ की अवस्था (Project Commencing)