परियों की कहानियां with moral
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शरारती परी को मिला सबक: Pariyon ki Kahani
हिमालय के बीचों बीच एक पहाड़ के चोटी के पास घने जंगलों के बिच, एक रहस्यमयी परियों की दुनिया थी। मनुष्यों के लिए वहाँ पहुँचना असंभव था। पहाड़ी के ठीक निचे वनवासी भाइयों का एक गांव था, जिनमे सन्यासी और तपस्वी भी रहते थे।
उस गांव के तपस्वि लोगो को परियों के दुनिया बारे में पता था। जो सिद्ध महात्मा थे वे समय समय पर परियों के महल में भी जाते थे। परियों की रानी उन महात्माओं को अपने राजदरबार में पुरे मान-सम्मान के साथ उचित स्थान पर बैठाती थी।
परियों के महल के ठीक निचे वाले पहाड़ से एक बहुत ही सुन्दर और शीतल जल का झरना निचे की तरफ बहता
था। इसी झरने के जल का उपयोग करते थे। Pariyon ki kahani .
परियों का महल बहुत ही भव्य और सुन्दर था। उस महल के अंदर एक अलग ही दुनिया बस्ती थी। उस महल के अंदर सभी सुख- सुविधा उपस्थित था। महल के अंदर बड़े-बड़े हिमालय को चुनौती देती पहाड़ियाँ थी। साथ ही सप्तसमुद्र के बराबर कई समुद्र मौजूद थे। हर तरफ उड़ते बाग़-बगीचे थे। साथ ही इस महल में बड़े परी से लेकर छोटी परी भी रहती थी।
परियों के रानी की एक बेटी थी जिसका नाम शीतल था, लेकिन अपने नाम के विपरीत वह बहुत शरारती थी। शीतलता वाला कोई गुण उसके अंदर नहीं था। वह हमेशा अपने शरारत से महल में कोई न कोई मुसीबत उत्पन्न करती ही रहती थी।
एक बार उसने अपनी शरारत से महल के अंदर की दुनिया में अपने विशेष शक्तियों का उपयोग करके सभी परियों को तितली बना दिया था और दिनभर उनके पीछे-पीछे दौड़ते रही और उनको परेशान करती रही। महारानी के डाँटने पर उसने अपना जादू वापस लिया और सभी तितलियों को वापस परी बना दिया। Pariyon ki kahani.
अभिमान नहीं करना चाहिए Priyon ki Kahani Hindi
महारानी के लाड-प्यार ने शीतल परी को और बिगड़ैल बना दिया था। यदि महारानी परी शुरू से ही अपने बच्चें को प्रेम के साथ-साथ कठिन अनुशासन का पाठ पढ़ाया होता तो आज यह दिन नहीं आता शायद सही कहा गया है की माता- पिता को कुम्हार की भाँति बच्चों को बाहर से सहलाना चाहिए और अंदर से कठोर बन उनको अच्छा शेप (उनका सर्वांगीण विकास करने का प्रयास करना चाहिए क्लास में नंबर ज्यादा लाना ही मात्र आयश्यक या महत्वपूर्ण नहीं हैं। एक्स्ट्रा करिकुलम भी आवश्यक हैं। ) देना चाहिए। Pariyon Ki Kahani.
शीतल परी को अपने जादू का, साथ ही अपने राजकुमारी होने का भी घमंड हो गया था। अपने जादुई शक्ति साथ ही अपने पद का दुरूपयोग कर वो अक्सर अन्य परियों को परेशान करती रहती थी। महारानी की पुत्री होने की वजह से उससे कोई उलझता भी नहीं था। Pariyon Ki Kahani.
एक दिन तो उसने अति कर दिया महल को छोड़कर वह निचे के गांव में चली आई और रूप बदलकर छोटे-छोटे बच्चों के साथ खेलने लगी खेल-खेल में उसने अपने जादू से सभी बच्चों को खेलने का खिलौना बनाकर अपने साथ महल में लेकर चली आई, और कठपुतली की तरह उनके साथ खेलने लगी। Pariyon Ki Kahani
परियों की कहानी हिंदी में पढ़ने के लिए
शरारती परी उन्हें कभी पटक देती तो कभी उनकी टाँग खींच देती थी। जिससे उन बच्चों को बहुत दर्द होता था लेकिन जादू की वजह से उनकी आवाज भी नहीं निकल रही थी।
इधर निचे गांव में कई बच्चों के गायब होने की वजह से पुरे गांव में रोने बिलखने की आवाजें आने लगी सभी अपने-अपने बच्चों को खोजने लगे। कोई जंगलो में खोजता, कोई झरने के आस-पास खोजता हैं तो पहाड़ों के गुफाओं में खोजने लगा। पूरा गांव बच्चों के लेकर बहुत चिंतित हो गया। Pariyon ki kahani.
अंत में सब खोजते-खोजते थक गए और गांव के सबसे सिद्ध बाबा के पास रोते -रोते पहुँचे। बाबा उनके आने से पहले ही गांव पर आन-पड़ी समस्या के लिए ध्यान-मग्न थे।