पर्याव२ण प्रदूषण पर लगभग 2०० शब्दो मे निबध लिखिए
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प्रस्तावना : विज्ञान के इस युग में मानव को जहां कुछ वरदान मिले है, वहां कुछ अभिशाप भी मिले हैं। प्रदूषण एक ऐसा अभिशाप हैं जो विज्ञान की कोख में से जन्मा हैं और जिसे सहने के लिए अधिकांश जनता मजबूर हैं।
प्रदूषण का अर्थ : प्रदूषण का अर्थ है -प्राकृतिक संतुलन में दोष पैदा होना। न शुद्ध वायु मिलना, न शुद्ध जल मिलना, न शुद्ध खाद्य मिलना, न शांत वातावरण मिलना।
प्रदूषण के प्रकार :-
वायु-प्रदूषण : कल कारखानो से निकलती दूषित वायु से ही वायु प्रदुषण होता है , तथा मोटर गाड़ी , कार इत्यादि से भी दूषित वायु के कारन वायु प्रदूषण होता है जिसके कारन दमा तथा लंग कैंसर जैसी हानिकारक बीमारियां होती है
जल-प्रदूषण : कल-कारखानों का दूषित जल नदी-नालों में मिलकर भयंकर जल-प्रदूषण पैदा करता है। इससे अनेक बीमारियां पैदा होती है।
ध्वनि-प्रदूषण : मनुष्य को रहने के लिए शांत वातावरण चाहिए। परन्तु आजकल कल-कारखानों का शोर, यातायात का शोर, मोटर-गाड़ियों की चिल्ल-पों, लाउड स्पीकरों की तेज ध्वनि के कारन आम नागरिक का जीना दूभर होगया है।
प्रदूषण के कारण : प्रदूषण को बढ़ाने में कल-कारखाने, वृक्षों को अंधा-धुंध काटने से मौसम का चक्र बिगड़ा है। घनी आबादी वाले क्षेत्रों में हरियाली न होने से भी प्रदूषण बढ़ा है।
सुधार के उपाय : विभिन्न प्रकार के प्रदूषण से बचने के लिए चाहिए कि अधिक से अधिक पेड़ लगाए जाएं, हरियाली की मात्रा अधिक हो। सड़कों के किनारे घने वृक्ष हों। पर्यावरण प्रदूषण करने वालो वाहनों पर रोक लगाई जाये