पर्यावरण है तो मानव है' विषय को आधार बनाकर पर्यावरण सुरक्षा को लेकर आप क्या-क्या प्रयास कर रहे हैं ?
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पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाना ही पर्यावरण संरक्षण कहलाता है। पर्यावरण संरक्षण का मुख्य उद्देश्य भविष्य के लिए पर्यावरण या प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा करना है। इस सदी में हम लोग विकास के नाम पर पर्यावरण को लगातार नुकसान पहुंचा रहे हैं।
आज के मानव ने प्रकृति पर पूर्णतः विजय पा ली है। यह विकास की दृष्टि से तो ठीक है, परंतु ऐसा करके मानव ने अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी मार दी है। विज्ञान की मदद से मानव चांद पर भी चला गया है, पर जिस हिसाब से आधुनिकता के नाम पर उसने प्रकृति से छेड़छाड़ की है, उसका खामियाजा तो हम मानवों को ही भुगतना पड़ेगा।
अगर समय रहते हम नहीं चेते और पर्यावरण को बचाने के बारे में नहीं सोचा तो, इसके भयंकर परिणाम हो सकते हैं। पूरे सौर-मंडल में केवल हमारी पृथ्वी पर ही जीवन संभव है। परंतु यह अधिक दिनों तक संभव नहीं है। हमें समय रहते, पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त करके सुरक्षित करना है।
पर्यावरण सुरक्षा
पर्यावरण शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है, परि+आवरण। परि अर्थात ‘चारों ओर’ और आवरण का अर्थ है ‘घेरे हुए’। हमारे चारों ओर फैले आवरण को ही पर्यावरण कहते है। दूसरे शब्दों में मानव, वनस्पति, पशु-पक्षी सहित सभी जैविक और अजैविक घटकों के समूह को पर्यावरण कहते हैं। इसमें हवा, पानी, मिट्टी, पेड़, पहाड़, झरने, नदियां आदि सभी आते हैं।
पर्यावरण संरक्षण को पारिस्थितिकी प्रणालियों और उनके घटक भागों में अवांछित परिवर्तनों की रोकथाम के रुप में भी परिभाषित कर सकते हैं। दूसरे शब्दों में कह सकते हैं कि पर्यावरण संरक्षण
मानव गतिविधियों से जुड़े परिवर्तनों से पारिस्थितिक तंत्र और उनके घटक भागों की सुरक्षा; तथा पारिस्थितिक तंत्र और उनके घटक भागों में अवांछित प्राकृतिक परिवर्तनों की रोकथाम करने का नाम है।
पर्यावरण संरक्षण व्यक्तियों, संगठनों और सरकारों द्वारा प्राकृतिक पर्यावरण की रक्षा करने का काम है। इसका उद्देश्य प्राकृतिक संसाधनों और मौजूदा प्राकृतिक वातावरण का संरक्षण करना है, और जहां संभव हो, क्षति और पुनर्निमाण उपायों पर ध्यान इंगित करना है। पारिस्थितिक दृष्टिकोण से, मनुष्यों को पारिस्थितिकी तंत्र का एक अभिन्न अंग माना जाता है।