Hindi, asked by alokgs, 5 months ago

पर्यावरण पर निबंध
प्रस्तावना
नाश का कारण
उपाय
उपसंहार ​

Answers

Answered by khushbooagarwal1101
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प्रस्तावना

पृथ्वी हमें हमारे स्वास्थ्य और विकास के लिए बहुत सारे प्राकृतिक संसाधन प्रदान करती है। लेकिन, जैसे-जैसे समय बीत रहा है, हम अधिक स्वार्थी होते जा रहे हैं और अपने पर्यावरण को प्रदूषित करते जा रहे हैं। हम नहीं जानते कि यदि हमारा पर्यावरण अधिक प्रदूषित हो जाता है, तो यह अंतिम हमारे स्वास्थ्य और भविष्य को ही प्रभावित करेगा। पृथ्वी पर आसानी से जीवित रहने के लिए हमारे लिए संभव नहीं होगा।

पर्यावरण प्रदूषण के कारण और स्रोत

औद्योगिक गतिविधि :

दुनिया भर के उद्योग भले ही वे संपन्नता और समृद्धि लाए हैं लेकिन पारिस्थितिक संतुलन को लगातार बिगाड़ रहे हैं और जीवमंडल का विनाश जारी है। वैज्ञानिक प्रयोगों का प्रक्षेपण, धुएं का गुबार, औद्योगिक और विषैली गैसें पानी और हवा दोनों को दूषित करते हैं। औद्योगिक कचरे का अनुचित जल और मृदा प्रदूषण दोनों का स्रोत बन गया है। विभिन्न उद्योगों से निकलने वाले रासायनिक अपशिष्टों से नदियों, झीलों, समुद्रों और धुएं के छोड़े जाने के माध्यम से मिट्टी और हवा में प्रदूषण फैल रहा है।

वाहन:

डीजल और पेट्रोल का उपयोग करने वाले वाहन विषैली गैसों को वायुमंडल में लीन करते हैं और कोयले को रिक से जो धुआं निकलता है वह भी हमारे पर्यावरण में जाकर उसको प्रदूषित करता है। सड़कों पर वाहनों की संख्या में तेजी से वृद्धि ने केवल धुएं के संरक्षण को सहायता नहीं दी है बल्कि उस हवा को भी प्रदूषित किया है जिसमें हम सांस लेते हैं। इन विभिन्न वाहनों का धुआं काफी हानिकारक है और वायु प्रदूषण का प्राथमिक कारण है। ये वाहन वायु प्रदूषण तो करते ही है, साथ ही ध्वनि प्रदूषण के भी मुख्य कारक है।

तीव्र संशोधन और शहरीकरण:

शहरीकरण की तेजी और मानकीकरण की व्यापकता भी पर्यावरण प्रदूषण के प्रमुख कारण हैं क्योंकि वे पेड़-पौधों को नुकसान पहुंचते हैं, जिससे सामूहिक रूप से जानवरों, मनुष्यों और पारिस्थितिकी तंत्र को नुकसान पहुंच रहे हैं।

जनसंख्या

विकासशील देशों में तेजी से जनसंख्या में वृद्धि हुई है। बुनियादी भोजन और आश्रय की मांग बढ़ रही है। उच्च मांग के कारण, जनसंख्या की बढ़ती संख्या और मांग को पूरा करने के लिए वनों की कटाई तेज हो गई है।

फॉश्मम बस्टर:

जीवाश्मों के ईंधनों का लगातार छिड़काव कार्बन मोनोऑक्साइड जैसी विषैली गैसों के माध्यम से मिट्टी, हवा और पानी के प्रदूषण के स्रोत है।

कृषि

कृषि के दौरान उपयोग किए जाने वाले कीटनाशक और उर्वरक पर्यावरण प्रदूषण के प्रमुख स्रोत हैं।

स्वास्थ्य पर पर्यावरण प्रदूषण का प्रभाव

यह बताने के लिए कि पर्यावरण प्रदूषण ने मानव की मूलभूत आवश्यकताओं, अर्थात, जल, भोजन, वायु और मिट्टी के अंदर अपने विषैले पदार्थों को फैला दिया है। यह हमारे रहने, पीने और खाने को प्रभावित करता है। यह इंसानों के साथ जानवरों के स्वास्थ्य को भी नुकसान पहुंचता है।

विभिन्न चीजों को हवा में प्रदूषित करते हैं जैसे मोटर वाहन प्रज्वलन और उद्योगों से गैसीकरण, हवा के अंदर जीवाश्म ईंधन को जलाना आदि। इसी तरह, कृषि की अकार्बनिक प्रक्रियाएं मिट्टी की उर्वरता को नष्ट कर देती हैं।

उपसंहार

जैसा कि हम सभी जानते हैं कि पीने के लिए उपयोग की जाने वाली पानी, भोजन उगाने के लिए उपयोग की जाने वाली मिट्टी, और साँस लेने के लिए हवा का उपयोग किया जाता है। ये तीनों के दूषित तत्व मानव के शरीर के अंदर पहुंच जाते हैं और परिणामस्वरूप रोग पैदा होते हैं।

Answered by sonikagarg509
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Answer:

प्रस्तावना (पर्यावरण पर निबंध Essay on Environment in Hindi)

प्रकृति ने हमें एक स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण सौंपा था। किंतु मनुष्य ने अपने लालची पन और विकास के नाम पर उसे खतरे में डाल दिया है। विज्ञान की बढ़ती प्रकृति ने एक और तो हमारे लिए सुख- सुविधा में वृद्धि की है तो दूसरी ओर पर्यावरण को दूषित करके मानव के अस्तित्व पर प्रश्नचिह्न लगा दिया है।

पर्यावरण का अर्थ Meaning of Environment

“अमृत बांटें कर विष पान, वृक्ष स्वयं शंकर भगवान।”पर्यावरण दो शब्दों से मिलकर बना है पर +आवरण जिसका अर्थ है हमारे चारों ओर घिरे हुए वातावरण।

पर्यावरण और मानव का संबंध अत्यंत घनिष्ठ है। पर्यावरण से मनुष्य की भौतिक आवश्यकताओं की पूर्ति होती है। पर्यावरण से हमें जल, वायु आदि कारक प्राप्त होते हैं

पर्यावरण से हानि Disadvantages of Environment in Hindi

आज के युग में पर्यावरण प्रदूषण बहुत तेजी से बढ़ रहा है। बढ़ती हुई जनसंख्या के कारण पर्यावरण की प्रकृति नष्ट हो रही है। हर जगह जहां घने वृक्ष हैं उन्हें काट कर वहां बड़ी इमारत बनाए जा रहे हैं।

गाड़ी की धुआ, फैक्ट्री मे मशीनों की आवाज, खराब रासायनिक जल इन सब की वजह से, वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण, मृदा प्रदूषण हो रहा है। यह एक चिंता का विषय बन चुका है यह अत्यंत घातक है। जिसके कारण हमें अनेक प्रकार की बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है और हमारा शरीर हमेशा बिगड़ रहा है।

वही आज जहां विज्ञान में तकनीकी और प्रौद्योगिकी को बढ़ावा मिला है और दुनिया में खूब विकास हुआ है तो दूसरी तरफ यह बढ़ते पर्यावरण प्रदूषण के लिए भी जिम्मेदार है। आधुनिकीकरण, प्रौद्योगिकी करण और टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से पर्यावरण पर गलत प्रभाव पड़ रहा है।

मनुष्य अपने स्वार्थ के चलते पेड़ पौधों की कटाई कर रहा है एवं प्राकृतिक संसाधनों से खिलवाड़ कर रहा है, जिसके चलते पर्यावरण को काफी क्षति पहुंच रही है, यही नहीं कुछ मानव निर्मित कारणों की वजह से वायुमंडल, जलमंडल आदि प्रभावित हो रहे हैं धरती का तापमान बढ़ रहा है और ग्लोबल वाल्मिग की समस्या उत्पन्न हो रही है, जो कि मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए काफी खतरनाक है।

पर्यावरण हमारे लिए अनमोल रत्न है। इस पर्यावरण के लिए हम सभी को जागरूक होने की आवश्यकता है। पर्यावरण का सौंदर्य बढ़ाने के लिए हमें साफ-सफाई का भी बहुत ध्यान रखना चाहिए।

पेड़ों का महत्व समझ कर हमें ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाना चाहिए। घने वृक्ष वातावरण को शुद्ध रखते हैं और हमें छाया प्रदान करते हैं। घने वृक्ष पशु पक्षी का भी निवास स्थान है। इसीलिए हमें ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने चाहिए।

पर्यावरण संरक्षण के उपाय Environmental protection measures in Hindi

उद्योग से निकलने वाला दूषित पदार्थ और धोएं का सही तरीके से निस्तारण करना चाहिए।

पर्यावरण हमारे लिए अनमोल रत्न है। इस पर्यावरण के लिए हम सभी को जागरूक होने की आवश्यकता है। पर्यावरण का सौंदर्य बढ़ाने के लिए हमें साफ-सफाई का भी बहुत ध्यान रखना चाहिए।

पेड़ों का महत्व समझ कर हमें ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाना चाहिए। घने वृक्ष वातावरण को शुद्ध रखते हैं और हमें छाया प्रदान करते हैं। घने वृक्ष पशु पक्षी का भी निवास स्थान है। इसीलिए हमें ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने चाहिए।

पेड़ों की अंधाधुंध कटाई पर रोक लगानी चाहिए।

वाहनों का इस्तेमाल बेहद जरूरत के समय ही किया जाना चा चाहिए।

दूषित और जहरीले पदार्थों को निपटाने के लिए सख्त कानून बनाने चाहिए।

लोगों को पर्यावरण के महत्व को समझने के लिए जागरूकता फैलाने चाहिए।

हमारे देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की। यह पर्यावरण संतुलन के लिए ही बनाया गया एक उपक्रम है।

इस तरह हमें अपने पर्यावरण को बचाना चाहिए। लोगों को पर्यावरण का महत्व समझाना चाहिए। स्वच्छ पर्यावरण एक शांतिपूर्ण और स्वास्थ्य जीवन जीने के लिए बहुत आवश्यक है।

निष्कर्ष Conclusion

पर्यावरण के प्रति हम सब को जागरूक होने की आवश्यकता है। पेड़ों की हो रही है अंधाधुन कटाई पर सरकार द्वारा सख्त कानून बनाना चाहिए। इसके साथ ही पर्यावरण को स्वच्छ रखना और हमारा कर्तव्य समझना चाहिए, क्योंकि स्वच्छ पर्यावरण में ही रहकर स्वास्थ्य मनुष्य का निर्माण हो सकता है और उसका विकास हो सकता है।आशा करते हैं आपको हमारा पर्यावरण पर निबंध अच्छा लगा होगा।

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