पर्यावरण से आप क्या समझते हैं पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त बनाने कैसे बनाया जा सकता है आप अपने विद्यालय के परिवेश को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए क्या क्या कर सकते हैं
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Answer:
बढ़ता प्रदूषण वर्तमान समय की एक सबसे बड़ी समस्या है, जो आधुनिक और तकनीकी रूप से उन्नत समाज में तेजी से बढ़ रहा है। इस समस्या से समस्त विश्व अवगत तथा चिंतित है। प्रदूषण के कारण मनुष्य जिस वातावरण या पर्यावरण में रहा है, वह दिन-ब-दिन खराब होता जा रहा है।
कहीं अत्यधिक गर्मी सहन करनी पड़ रही है तो कहीं अत्यधिक ठंड। इतना ही नहीं, समस्त जीवधारियों को विभिन्न प्रकार की बीमारियों का भी सामना करना पड़ रहा है। प्रकृति और उसका पर्यावरण अपने स्वभाव से शुद्ध, निर्मल और समस्त जीवधारियों के लिए स्वास्थ्य-वर्द्धक होता है, परंतु किसी कारणवश यदि वह प्रदूषित हो जाता है तो पर्यावरण में मौजूद समस्त जीवधारियों के लिए वह विभिन्न प्रकार की समस्याएं उत्पन्न करता है।
ज्यों-ज्यों मानव सभ्यता का विकास हो रहा है, त्यों-त्यों पर्यावरण में प्रदूषण की मात्रा बढ़ती ही जा रही है। इसे बढ़ाने में मनुष्य के क्रियाकलाप और उनकी जीवनशैली काफी हद तक जिम्मेवार है। सभ्यता के विकास के साथ-साथ मनुष्य ने कई नए आविष्कार किए हैं जिससे औद्योगीकरण एवं नगरीकरण की प्रवृत्ति बढ़ी है।
जनसंख्या वृद्धि के कारण मनुष्य दिन-प्रतिदिन वनों की कटाई करते हुए खेती और घर के लिए जमीन पर कब्जा कर रहा है। खाद्य पदार्थों की आपूर्ति के लिए रासायनिक खादों का प्रयोग किया जा रहा है, जिससे न केवल भूमि बल्कि, जल भी प्रदूषित हो रहा है। यातायात के विभिन्न नवीन साधनों के प्रयोग के कारण ध्वनि एवं वायु प्रदूषित हो रहे हैं।
गौर किया जाए तो प्रदूषण वृद्धि का मुख्य कारण मानव की अवांछित गतिविधियां हैं, जो प्राकृतिक संसाधनों का अंधाधुंध दोहन करते हुए इस पृथ्वी को कूड़े-कचरे का ढेर बना रही है। कूड़ा-कचरा इधर-उधर फेंकने से जल, वायु और भूमि प्रदूषित हो रहे, जो संपूर्ण प्राणी-जगत के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं।
उत्तर :
पर्यावरण को सभी जीवित और निर्जीव तत्वों और उनके प्रभावों के योग के रूप में परिभाषित किया जा सकता है जो मानव जीवन को प्रभावित करते हैं। जबकि सभी जीवित या जैविक तत्व जानवर, पौधे, जंगल, मत्स्य पालन और पक्षी हैं, निर्जीव या अजैविक तत्वों में जल, भूमि, धूप, चट्टानें और वायु शामिल हैं।
व्याख्या:
- उन दिनों जब उच्च कण स्तर की अपेक्षा की जाती है, प्रदूषण को कम करने के लिए ये अतिरिक्त कदम उठाएं: अपनी कार में आपके द्वारा की जाने वाली यात्राओं की संख्या कम करें। चिमनी और लकड़ी के चूल्हे का उपयोग कम करें या समाप्त करें। पत्ते, कचरा और अन्य सामग्री जलाने से बचें। गैस से चलने वाले लॉन और बगीचे के उपकरण का उपयोग करने से बचें।
- विद्यार्थियों में पर्यावरणीय जिम्मेदारियों की इस भावना को चलाने के लिए यहाँ कुछ महत्वपूर्ण कदम हैं जो हर स्कूल को उठाने चाहिए। हरी आदतों का परिचय दें। सफाई के लिए समर्पित एक वर्ग। ग्रीन पैच एक्सरसाइज। ऊर्जा की बचत पर सबक। स्थिरता पर होमवर्क। पर्यावरणविदों को समर्पित एक क्लब। मॉक अवेयरनेस रैलियां।
इस प्रकार यह उत्तर है।
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