पर्यटन उद्योग के लिए स्वच्छता पर निबंध
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पर्यटन उद्योग के लिए स्वच्छता
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राष्ट्रपति ने कहा कि पर्यटन मन्त्रालय ने 24:7 इनक्रेडिबल इण्डिया हेल्पलाइन शुरू कर सुरक्षा चिंताओं का समाधान किया है। यह पर्यटकों को मूल्यवान सूचना मुहैया कराती है और आपातस्थिति के दौरान दिशानिर्देश देती है। उन्होंने कहा कि दूर-दराज के स्थानों पर शीघ्रता से पहुँचना, आय के अधिक हिस्से को खर्च करने और उच्च जीवनशैली की बढ़ती आकांक्षा यात्रियों की बढ़ती संख्या की विशेषताएँ हैं। प्राकृतिक संसाधनों और धरोहरों को संरक्षित रखने की जरूरत का जिक्र करते हुए राष्ट्रपति ने पर्यटन उद्योग से सतर्कता से अपनी निवेश की ऐसे तरीके से योजना बनाने का अनुरोध किया है कि इस क्षेत्र की वृद्धि प्राकृतिक और सांस्कृतिक धरोहरों से समझौता किए बगैर जारी रहे। उन्होंने ऊर्जा संरक्षण के नए और नवोन्मेषी तरीकों की हिमायत करते हुए कहा कि यह पर्यटन संस्थानों और आतिथ्य इकाइयों पर निर्भर होना चाहिए कि वे एक ऐसे तरीके से काम करें जो कि पानी और ऊर्जा की खपत कम करने में सक्षम हों और रचनात्मक पुनर्चक्रण तथा कूड़े के प्रभावी रूप से निपटारे को सुनिश्चित करे। राष्ट्रपति ने कहा कि पारस्परिक समझ, सहिष्णुता और लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए पर्यटकों तथा इनकी मेजबानी करने वाले समुदायों के बीच व्यापक सामाजिक सम्पर्क को बहुत लम्बा सफर तय करना होगा।
पर्यटन राष्ट्रों के बीच तथा दुनिया भर में दूर-दराज के समुदायों के साथ करीबी सामंजस्य और सांस्कृतिक आदान-प्रदान करता है। हालाँकि, उन्होंने इस बात का जिक्र किया कि देश में कम संख्या में विदेशी पर्यटक आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिछले साल भारत में 128.2 करोड़ घरेलू यात्राएँ दर्ज की गई। उस साल विदेशी पर्यटकों की संख्या में उसके पिछले साल की तुलना में 10.2 फीसदी की वृद्धि हुई। हालाँकि अन्तरराष्ट्रीय पर्यटकों में यह महज 0.7 फीसदी है। राष्ट्रपति ने कहा कि विदेशी पर्यटकों के आगमन में अपार वृद्धि होने की गुंजाइश है। उन्होंने ई-वीजा प्रणाली को हाल ही में पेश किए जाने का जिक्र करते हुए कहा कि 113 देशों के लिए ई-पर्यटन वीजा शानदार नतीजे दे रहा है। उन्होंने कहा कि हमें अवश्य ही देश में उच्च गुणवत्तापूर्ण बुनियादी ढाँचे के निर्माण पर ध्यान देना होगा। मुखर्जी ने पर्यटन को विकास का एक एजेंट और आर्थिक विकास एवं रोजगार सृजन का इंजन बताया।
भारत देश स्वतंत्र होने के बाद देश में विभिन्न प्रकार की सुविधाएं, व्यापार में बढ़ोती दिखाई दी। देश की आर्थिक स्थिति सुधारने लगी। व्यवसाय धंडो में अनेक युवक,युवती भाग लेने लगे। इन सभी कहानियों पर ध्यान देते समय देश की आबादी भी बढ़ रही थी और कचरे का साम्राज्य भी बढ़ रहा था।
पर्यटन उद्योग असुद्धिके कारण नुकसान में जा रहा था। लोग पर्यटन स्थलो को दर्शन नहीं देते थे। आर्थिक बल कम होरहा था तभी देश में स्वच्छ भारत अभियान के अन्तर्गत विविध भागो में साफ सफाई, की मोहिम तथा पेड़ बचाओ मोहिम बहोत फायदेमंद हुई। लोगो ने हात में झाड़ू लेकर महाराष्ट्र में स्तिथ किल्लो तथा पर्यटन स्तलो को साफ किया और पर्यटन लोगो की आबादी याहा बढ़ गई।