paragraph of education in odisha in hindi
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भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। एक तरफ राज्य सरकार शिक्षा के क्षेत्र में सरकार की सफलता का बखान कर रही है, वहीं दूसरी तरफ भाजपा ने राज्य में शिक्षा व्यवस्था कोपूरी तरह फेल बताया है। भाजपा के प्रवक्ता समीर दे ने राज्य कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में राज्य सरकार से पूछा है कि शासन के 17 साल के बाद भी प्राथमिक, उच्च प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र में हम क्यों एक क्लास के लिए एक शिक्षक और एक श्रेणीगृह की मूलभूत सुविधा से वंचित हैं। क्यों, आज भी शिक्षकों के हजारों पद रिक्त पड़े हुए हैं?
समीर दे ने कहा कि सर्वशिक्षा अभियान के तहत 24,446 पद खाली पड़े हुए है। उन्होंने कहा कि राज्य के सात प्रतिशत सरकारी स्कूलों में एक ही शिक्षक होने की स्थिति राज्य की शिक्षा व्यवस्था को आईना दिखाने के लिए पर्याप्त है। कहा कि स्कूल कॉलेजों में दक्षता विकास के लिए मुख्यमंत्री द्वारा दिया गया आश्वासन का क्या हुआ। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि मॉडल स्कूल योजना में सफलता का जो ढोल राज्य सरकार पीट रही है।
उसमें स्पष्ट करें कि केंद्र सरकार ने कितनी मदद की है। समीर दे ने कहा कि केंद्र सरकार ने इस योजना के लिए 278 करोड़ रुपये दिए हैं। क्या, सरकार इस तथ्य को स्वीकार कर रही है या नहीं। भाजपा ने राज्य सरकार द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में प्राप्त सफलता को दिखावा बताते हुए कहा वास्तविकता यह है कि आज भी एक ही
शिक्षक के बल पर कई स्कूल चल रहे हैं जो सरकार के दावों की पोल खोल रहे हैं।
स्कूलों का औचक निरीक्षण करें अधिकारी: मंत्री
स्कूलों में गुणात्मक शिक्षादान हमारी पहली प्राथमिकता है। इसके लिए विभागीय अधिकारी स्कूलों का औचक निरीक्षण कर यह सुनिश्चित करें कि सरकारी योजनाओं का लाभ विद्यार्थियों तक पहुंचे। यह बातें विद्यालय व गणशिक्षा मंत्री बद्री नारायण पात्र ने इडकल प्रेक्षागृह में आयोजित शिक्षा संबंधित कार्यशाला में जिला व ब्लॉक के
शिक्षा पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि शिक्षा पदाधिकारी क्षेत्रवार स्कूलों में जाएं और देखें कि कहां क्या कमी है? उसे दूर करने के लिए क्या करने की जरूरत है?
सुझाव के साथ उन्हें रिपोर्ट दें, ताकि शिक्षा व्यवस्था में और सुधार लाया जा सके। मंत्री ने शिक्षा पदाधिकारियों से अपील की कि विद्यार्थियों को उत्तम शिक्षादान सुनिश्चित करने के लिए शिक्षक अपना उत्तरदायित्व समझें और इस दिशा में प्रयत्न करें। शिक्षामंत्री ने कहा कि शिक्षक और शिक्षा पदाधिकारियों के मध्य उत्तम संपर्क रहने से ही शिक्षा में गुणात्मक सुधार आएगा। उन्होंने शिक्षकों से अपनी अभिज्ञता के आधार पर छात्रों का भविष्य संवारने के लिए उचित मार्गदर्शन करने का भी आह्वान किया।