Hindi, asked by sweetigloodrish, 1 year ago

paragraph on disaster management in Hindi

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Answered by HarshBaranwal
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आपदा ऐसे न रोके जा सकने वाले प्राकृतिक तथा मानवीय प्रभाव हैं जिन्हें उपयुक्त प्रबंधन विकल्पों द्वारा कम किया जा सकता है। भारत विश्व का सातवां सबसे बड़ा देश है और यहां प्राकृतिक तथा मानवीय आपदाओं की अत्यधिक संभावना है। भारत का भू-भाग 135.79 मिलियन वर्ग किलोमीटर है जो विश्व का 2.4% है। जबकि इसकी जनसंख्या विश्व जनसंख्या की 16.7% है। हमारे देश की भू-वैज्ञानिक तथा भौगोलिक संरचना ऐसी है जो इसे आपदाओं की दृष्टि से अत्यधिक संवेदनशील बनाती है। देश के उत्तर तथा पूर्वोत्तर भाग में एक पर्वत श्रृंखला-हिमालय अत्यधिक भूकंप, भूस्खलन तथा हिमस्खलन जनित क्षेत्र है। उत्तरी भारत के भू-भाग में बाढ़ तथा सूखे का खतरा होता है। हमारा उत्तर-पश्चिमी भाग सूखे तथा बंजरता की संभावना वाला क्षेत्र है, जबकि हमारे तटीय क्षेत्रों में सुनामी तथा चक्रवात के खतरे होते हैं। दूसरे शब्दों में हमारा देश सभी प्रकार की आपदाओं अर्थात भूकंप, सूखे, बाढ़, चक्रवात, सुनामी, भूस्खलन, हिमस्खलन, बंजरता, जंगल की आग तथा औद्योगिक वाहन (सड़क,रेल, वायु) दुर्घटनाओं की संभावनाओं वाला क्षेत्र है। विश्व में 90% आपदाएं विकासशील देशों में घटती हैं। भारत में, 70% क्षेत्र सूखा प्रवृत्त, 12% बाढ़ प्रवृत्त, 60% भूकंप प्रवृत्त तथा 8% चक्रवात प्रवृत्त हैं। प्रतिशतता के ये आंकड़े दर्शाते हैं कि हमें ऐसी प्रशिक्षित जनशक्ति की आवश्यकता है जो आपदा के समय सहायता कर सके और आपदा नियंत्रण की स्कीमों के नियोजन, निगरानी तथा प्रबंधन में मदद कर सके। आज के परिवर्तनशील प्रौद्योगिकी परिदृश्य के संदर्भ में, हमें उद्योग तथा सरकारी एवं निजी संगठनों के लिए प्रशिक्षित जनशक्ति की तत्काल आवश्यकता है।
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