paragraph on importance of freedom in hindi
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स्वतंत्रता शब्द का अर्थ विभिन्न व्यक्तियों के लिए भिन्न-भिन्न होता है । एक भूखे व्यक्ति के लिए भोजन का प्रत्येक निवाला भूख से मुक्ति का साधन है । नामीबिया के एक अफ्रीकी व्यक्ति के लिए स्वतंत्रता का अर्थ जातीय आधार पर प्रभुत्व से छुटकारा है । दार्शनिक रूसो के अनुसार आम सहमति का अर्थ ही स्वतंत्रता है । उम्रकैदी के लिए जेल से रिहाई की वास्तविक स्वतंत्रता है । असाध्य और सराहनीय बीमारी से पीड़ित व्यक्ति के लिए मृत्यु ही स्वतंत्रता का एकमात्र उपाय है । मेरे लिए स्वतंत्रता का अर्थ इन सब से भिन्न है ।
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स्वतंत्रता की मान्य परिभाषा ‘प्रतिबंधों की अनुपस्थिति’ है । मैं भी इस पर विश्वास करता हूँ । जीवन के कई क्षेत्रों में, जो दूसरों को सीधे प्रभावित नहीं करते, मैं उनमें अपनी मर्जी से जीना चाहता हूँ । जैसे भोजन, वस्त्र, रुचि और अभिरुचियाँ आदि, मेरे जीवन के व्यक्तिगत पहलू जैसे शिक्षा, व्यवसाय अथवा विवाह । निस्संदेह इन सब पर मैं अपने परिवारजनों से सलाह लूँगा लेकिन पसंद अंतत: मेरी ही होगी ।
शिक्षा प्राप्ति के बाद जब मैंने एक विस्तृत संसार में कदम रखा तो मैंने पाया कि नीति ही जीवन के राजनैतिक, सामाजिक और आर्थिक पक्षों से जुड़ी वास्तविक स्वतंत्रता प्रदान करती है ।
मैं विश्व के विशालतम प्रजातांत्रिक देश का नागरिक होने के नाते अत्यंत खुश हूँ । यहाँ प्रत्येक नागरिक को राजनैतिक स्वतंत्रता और मौलिक अधिकार प्राप्त हैं । मैं इतनी आर्थिक स्वतंत्रता तो चाहूँगा ही कि ईमानदारी से किए गए काम के बदले में दो जून रोटी मिले ।
एक व्यक्ति का भोजन दूसरे के लिए विष नहीं बनना चाहिए अर्थात एक व्यक्ति के अधिकार दूसरे व्यक्ति के अधिकारों में बाधक नहीं होने चाहिए । यह व्यवस्था तभी संभव है, जबकि स्वतंत्रता अनुशासन से समन्वित हो । यदि विद्यार्थी नकल मारने की स्वतंत्रता, राजनैतिक दल अपने निजी स्वार्थों की पूर्ति हेतु आम जीवन में अव्यवस्था फैलाने, अपराधी प्रवृति के लोग अपनी असामाजिक गतिविधियों की स्वतंत्रता की माँग करने लगें, तो कोई भी स्वतंत्रता प्राप्ति में सफल नहीं हो सकता है ।
इसलिए अनुशासन कायम रखने के लिए कई प्रकार के क़ानूनों, नियमों और शर्तों की आवश्यकता होती है । मैं ऊपर से आरोपित अनुशासन की अपेक्षा आत्म अनुशासन युक्त स्वतंत्रता को पसंद करता हूँ ।
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स्वतंत्रता की मान्य परिभाषा ‘प्रतिबंधों की अनुपस्थिति’ है । मैं भी इस पर विश्वास करता हूँ । जीवन के कई क्षेत्रों में, जो दूसरों को सीधे प्रभावित नहीं करते, मैं उनमें अपनी मर्जी से जीना चाहता हूँ । जैसे भोजन, वस्त्र, रुचि और अभिरुचियाँ आदि, मेरे जीवन के व्यक्तिगत पहलू जैसे शिक्षा, व्यवसाय अथवा विवाह । निस्संदेह इन सब पर मैं अपने परिवारजनों से सलाह लूँगा लेकिन पसंद अंतत: मेरी ही होगी ।
शिक्षा प्राप्ति के बाद जब मैंने एक विस्तृत संसार में कदम रखा तो मैंने पाया कि नीति ही जीवन के राजनैतिक, सामाजिक और आर्थिक पक्षों से जुड़ी वास्तविक स्वतंत्रता प्रदान करती है ।
मैं विश्व के विशालतम प्रजातांत्रिक देश का नागरिक होने के नाते अत्यंत खुश हूँ । यहाँ प्रत्येक नागरिक को राजनैतिक स्वतंत्रता और मौलिक अधिकार प्राप्त हैं । मैं इतनी आर्थिक स्वतंत्रता तो चाहूँगा ही कि ईमानदारी से किए गए काम के बदले में दो जून रोटी मिले ।
एक व्यक्ति का भोजन दूसरे के लिए विष नहीं बनना चाहिए अर्थात एक व्यक्ति के अधिकार दूसरे व्यक्ति के अधिकारों में बाधक नहीं होने चाहिए । यह व्यवस्था तभी संभव है, जबकि स्वतंत्रता अनुशासन से समन्वित हो । यदि विद्यार्थी नकल मारने की स्वतंत्रता, राजनैतिक दल अपने निजी स्वार्थों की पूर्ति हेतु आम जीवन में अव्यवस्था फैलाने, अपराधी प्रवृति के लोग अपनी असामाजिक गतिविधियों की स्वतंत्रता की माँग करने लगें, तो कोई भी स्वतंत्रता प्राप्ति में सफल नहीं हो सकता है ।
इसलिए अनुशासन कायम रखने के लिए कई प्रकार के क़ानूनों, नियमों और शर्तों की आवश्यकता होती है । मैं ऊपर से आरोपित अनुशासन की अपेक्षा आत्म अनुशासन युक्त स्वतंत्रता को पसंद करता हूँ ।
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