Hindi, asked by Anonymous, 1 year ago

paragraph on " कर्म ही पूजा है ".

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Answered by Harkrishan2525
259
कार्य हमारी चेतना के विकास के लिए एक अन्य प्रक्रिया है। हर दिन सुबह से शाम तक तुम व्यस्त रहते हो, तुम कुछ न कुछ कार्य करते हो। कार्य करना अच्छी बात है, इससे तुम्हारा जीवन सुंदर बन सकता है - बशर्ते कि तुम समझ सको कि इसे कैसे करना है। अगर तुम जान जाओ कि काम कैसे करना है तो यह कार्य तुम्हारी चेतना के विकास की एक सुंदर प्रक्रिया होगी। 

तुम इस रहस्य को अच्छी तरह समझ लो कि परमात्मा तक पहुंचने का एक रास्ता है- 'कर्म योग'। अर्थात्‌ कार्य के द्वारा योग, मन, शरीर, प्राण और चैत्य की क्रियाओं से। काम करने की भी एक तकनीक है। तकनीक बिलकुल सही शब्द है - अगर तुम उसको ठीक से समझ सको। केवल कर्म के द्वारा ही तुम्हारा जीवन आश्चर्यजनक रूप से सुंदर बन जाएगा। याद रखो और अपने को समर्पित कर दो। 

Answered by afreenakbar05
86

जैसे जब हम अपने कर्म की इज्जत करते हैं या उस कार्य को पूरे मन लगाकर करते है तो वह कार्य सफल हो जाता है। इसे हम इस प्रकार भी समझ सकते है- कर्म ही पूजा है। भगवान ने हर इंसान को दो हाथ, एक मुंह और दो पैर के साथ धरती पर भेजा है। इसका मतलब है, कि भगवान भी हमसे कर्म करवाना चाहता है। हमें अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए कार्य करना अति आवश्यक है। जब कोई व्यक्ति ईमानदारी से काम करता है, तो उसे जीवन में सफलता मिलती है। जब वह आधे मन से कार्य करता है, तो वह असफल हो जाता है।

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