Hindi, asked by shardagoswami851, 1 year ago

paragraph on ramayan in hindi

Answers

Answered by VJsuvam420
3

Answer:

Explanation:

जिस प्रकार वेदों और शास्त्रों ने मनुष्य को उसे कल्याण के लिए नाना प्रकार के मंत्र प्रदान किये उसी प्रकार रामायण ने मानव मात्र के लिए एक आदर्श आचार संहिता प्रदान की ।

जीवन को विभिन्न परिस्थितियों में मनुष्य को किस प्रकार आचरण करना चाहिए, रामायण इस के लिए आदर्श ग्रंथ है । सर्वप्रथम रामायण की रचना कविवर वाल्मीकि ने की थी । तदुपरांत राम के जीवन को आधार बनाकर अनेक राम-काव्य लिखे गये । हिन्दी में भी तुलसीदास ने ‘रामचरितमानस’ जैसे अद्वितीय महा-काव्य की रचना की ।

रामायण के चरित नायक भगवान राम है । जो पूर्ण ब्रह्म हैं । दशरथ और कौशल्या के पुत्र के रूप में उन्होंने धरती पर अवतार लिया । वे मर्यादा पुरुषोत्तम हैं । वाल्मीकि और तुलसीदास दोनों ने ही उनकी जीवन-गाथा का अत्यंत पवित्र भाव से अंकन किया है ।

रामचरित-मानस में जीवन के विविध प्रसंगों के मध्य रामचन्द्र जी का जो रूप उभर कर आया है वह प्रात: स्मरणीय है । सभी पात्रों का चित्रण उच्चस्तरीय है । परिवार, समाज और राष्ट्र सभी स्तरों पर राम का चरित आदर्श की सीमा है ।

उन्होंने पिता की आज्ञा का पालन करने के लिए राज वैभव का त्याग कर वन का मार्ग लिया । महाभारत में जहाँ राज्य के लिए दुर्योधन ने रक्त की नदियाँ बहा दीं, राम ने बिना किसी हिचक के पल भर में उसका परित्याग कर दिया ।

दूसरी ओर भरत ने उन की पादुकाएँ लेकर सेवक- भाव से तभी तक राज्य का भार धारण किया, जब तक वे वन से लौट नहीं आये । आज जब भाई, भाई का सिर काटने को तैयार है, रामायण के प्रचार और प्रसार की विशेष आवश्यकता है, जिससे लोग सम्पत्ति की निरर्थकता समझ सकें ।

सीता ने आदर्श पत्नी, लक्ष्मण ने आदर्श भाई, दशरथ ने आदर्श पिता का जो रूप सामने रखा वह सर्वत्र अनुकरणीय है । राम ने जटायु, शबरी, निषाद, सुग्रीव, हनुमान आदि को जो सम्मान दिया वह उन की उदार हृदयता का प्रमाण है ।

i hope its help u


shardagoswami851: thanks bro
freebird13: thx .... my 2 nd language is hindi
VJsuvam420: ohk
freebird13: :-)
Answered by gungun5236
3

I hope it's help you

Attachments:

shardagoswami851: thanks bro
gungun5236: your welcome
gungun5236: please mark me
Similar questions