Hindi, asked by uzma5329, 5 hours ago

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Answered by llItzDishantll
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भारत में कोरोना की रफ्तार में अब गिरावट देखने को मिल रही। जहां पॉजिटिव केसेस की संख्या में कमी देखने को मिली है। वहीं मृत्यु का आंकड़ा आज फिर एक बार चिंता बढ़ा दी है। लेकिन इस बीच राहत की बात ये है की रिकवरी रेट पहले के मुकाबले काफी बेहतर हुई है, एक दिन में 3 लाख 62 हज़ार रोगियों के स्वस्थ होने के साथ दो करोड़ के आंकड़े को पार कर गई है। पिछले पांच दिनों में यह पांचवीं बार है जब ठीक होने वालों की संख्या दैनिक मामलों से अधिक हो गई है।

अब कई राज्यों में ऑक्सीजन की कमी धीरे-धीरे पूरी हो रही, लेकिन रेमडेसिवीर इंजेक्शन की भीड़ लगातार बनी हुई है। एक दिन में 3 लाख 78 हज़ार रोगियों के स्वस्थ होने के साथ दो करोड़ के आंकड़े को पार कर गई है। पिछले सात दिनों में यह छठी बार है जब ठीक होने वालों की संख्या दैनिक मामलों से अधिक हो गई है

24 घंटे में भारत में 2 लाख 81 हजार नए कोविड-19 केस सामने आए। सबसे ज्यादा मामले 7 मई को आये थे, तब ये आकड़ा 4 लाख 14 हज़ार दर्ज किया गया था। पर पिछले 9 दिनों में इसमें 1लाख 3 हज़ार 745 की कमी आयी है, और उसके बाद आज एक दिन में एक्टिव केस रिकॉर्ड 1 लाख तक कमी आयी है

देश में क्रिटिकल केयर बेड्स की संख्या कम होने से भी परेशानियां बढ़ रही है। देश भर में अनेक स्ािानों से ऐसी तस्वीरें सामने आई है। जिनमें अस्पतालों के बाहर कतारें लगी हैं या मरीजों को बेड के लिए इंतजार करना पड़ रहा है। ऐसी ही मारामारी आॅक्सीजन एवं इंजेक्शन के लिए भी देखी जा रही है। हलाकि यहाँ ये ध्यान देने वाली बात है की रेमडेसिवीर इंजेक्शन की इतनी ज़रूरत नहीं है, जितना लोग इसके लिया परेशान हो रहे।

हाल ही में चेन्नई में रेमडेसिवीर के लिए लोगो की भारी भीड़ उमर पड़ी. WHO ने भी इसे साफ़ शब्दों में कहा की रेमडेसिवीर मरीज़ की जान नहीं बचा सकता बल्कि सिर्फ मॉडरेट कंडीशन में ट्रीटमेंट के तौर पर इसका इस्तेमाल किया जा सकता और न मिले तो ज़रूरी नहीं की यही इस्तेमाल हो।  

इस बीच शनिवार को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा एक उच्च स्तरीय बैठक कर कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा की गई। इस दौरान चर्चा हुई की जहाँ संक्रमण दर ज्यादा हो उन इलाको में जांच को बढ़ाया जाये। गावों में डोर-टू-डोर जाँच और सर्विलांस की इंतज़ाम की जाये। राज्यों में वेंटिलेटर दिए जाने की ऑडिट होगी।      

भारत सरकार का वैक्सीनेशन पर भी जोर है। अब 18 वर्ष से ऊपर युवा का भी वक्सीनशन शुरू हो चूका है । भारत में अब तक करीब 18.22 करोड़ लोगों का वैक्सीनेशन हो चुका है। 1 मई से शुरू हो चुके प्रत्येक व्यस्क के लिए पंजीयन भी प्रारंभ हो गए हैं।

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