परमाणु की संरचना को स्थापित करने के लिए विभिन्न सिद्धांत के विकास का अध्ययन कीजिए
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Explanation:
परमाणु, तत्व का वह सबसे छोटा कण है, जो किसी रासायनिक क्रिया में भाग ले सकता है लेकिन स्वतंत्र रूप से नहीं रह सकता है | द्रव, ठोस व गैस सभी पदार्थों का निर्माण परमाणुओं (Atoms) से ही होता है | परमाणु आपस में मिलकर अणुओं (Molecules) का निर्माण करते हैं | तत्व या यौगिक का वह सबसे छोटा कण है, जो स्वतंत्र अवस्था में रह सकता है अणु कहलाता है |
परमाणु का निर्माण परमाणविक तत्वों से मिलकर होता है जिनके नाम हैं – प्रोटान, न्यूट्रान तथा इलेक्ट्रान | प्रोटान व न्यूट्रान परमाणु के नाभिक में पाए जाते हैं और इलेक्ट्रान इस नाभिक के चारों ओर चक्कर लगाता है | इलेक्ट्रान परमाणु के नाभिक के चारों ओर बहुत तेज गति से चक्कर लगता है | विभिन्न तत्वों को उनमें पाई जाने वाली प्रोटान व इलेक्ट्रान की संख्या के आधार पर अलग किया जाता है, जैसे-सोने (Gold) के परमाणु नाभिक में प्रोटानों की संख्या 79 होती है और कार्बन के परमाणु नाभिक में केवल 6 प्रोटान होते हैं |
परमाणविक तत्वों में आवेश (Charge) पाया जाता है,जैसे - प्रोटान धनात्मक आवेशित (Positively Charged) होते हैं और इलेक्ट्रान नकारात्मक आवेशित (Negatively Charged) होते हैं जबकि न्यूट्रान उदासीन (Neutral) होते हैं| लेकिन फिर भी अणु उदासीन होते हैं क्योंकि उसमें प्रोटानों व इलेक्ट्रानों की संख्या समान होती है |
तत्वों की रासायनिक प्रकृति उनके परमाणुओं की संरचना, अर्थात् नाभिक के चारों ओर इलेक्ट्रानों की व्यवस्था, पर निर्भर करती है | इलेक्ट्रान विभिन्न कक्षाओं (Shells) में व्यवस्थित रहते हैं लेकिन सबसे बाहरी कक्षा सबसे महत्वपूर्ण होती है | स्थायी परमाणु की बाहरी कक्षा पूर्ण होती है | नोबेल गैस के नाम से पहचाने जाने वाले तत्वों ,जैसे-हीलियम आदि, की बाहरी कक्षा पूर्ण होती है | अन्य तत्वों की बाहरी कक्षा अपूर्ण होती है, इसीलिए वे अन्य परमाणुओं के साथ बंध (Bond) बनाकर स्थायी अणु का निर्माण करते हैं |