Psychology, asked by dilipkalmodiya4564, 10 months ago

परसंस्कृतिग्रहण के दौरान लोग किस प्रकार की परसंस्कृतिग्राही युक्तियाँ अपनाते हैं? विवेचना कीजिए।

Answers

Answered by rudranil16
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Answer:

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Answered by bhatiamona
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परसंस्कृति ग्रहण के दौरान लोक मनोवैज्ञानिक ढंग से परिवर्तित होते रहते हैं। लोग अनेक तरह की परसंस्कृति ग्राही युक्तियां अपनाते हैं, जो कि इस प्रकार हैं...  

द्वंद्व निवारण :  परसंस्कृति ग्रहण के घटित होने के लिए अन्य सांस्कृतिक समूह से संपर्क होना बेहद जरूरी होता है। कभी-कभी यह संपर्क द्वंद्व की स्थिति भी पैदा कर सकता है, लेकिन कोई भी प्राणी अधिक समय तक द्वंद्व की स्थिति में नहीं रह सकता, इसलिए वह इस द्वंद्व के निवारण हेतु उपाय भी करता है।

समाकलन : यह एक ऐसी अभिवृत्ति है, जिसमें अभिवृत्ति में व्यक्ति की रुचि का दायरा विस्तृत होता है। वह अपनी मूल संस्कृति एवं अनन्यता को तो बनाएं रखता ही है, इसके साथ ही वह दूसरे सांस्कृतिक समूहों में भी रुचि रखता है और उनके साथ भी दैनिक अन्योन्य क्रिया करता रहता है।

आत्मसात्करण : यह इस अभिवृत्ति में व्यक्ति अपनी मूल सांस्कृतिक अनन्यता को नहीं बनाए रखना चाहता। वह दूसरी संस्कृति की ओर आकर्षित होता है और उस संस्कृति का अभिन्न अंग बनने के लिए प्रयास करता है।

प्रथक्करण : इस अभिवृत्ति में व्यक्ति अपनी मूल संस्कृति को धारण किए रहना ही सबसे श्रेष्ठ समझता है और वह दूसरे सांस्कृतिक समूह के साथ अन्योन्य क्रिया करने से बचना चाहता है। वह अपनी मूल संस्कृति के मामले में कट्टर होता है।

सीमांतकरण : इस अभिवृत्ति में व्यक्ति में जहां अपने सांस्कृतिक अनुरक्षण की या तो संभावना कम होती है या रुचि कम होती है तो उसके साथ अन्य सांस्कृतिक समूह से संबंध रखने की इच्छा भी कम होती है और व्यक्ति सभी संस्कृतियों के प्रति उदासीन भाव रखता है।

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