परशुराम के उपदेश कविता में देशवासियों कप स्वाधीनता के लिए संघर्ष की प्रेरणा दी गयी है।आज के संदर्भ में क्या ये कैट प्रासंगिक है?सोदाहरण सिद्ध कीजिये।
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बिल्कुल, यह कैट पूरी तरह से प्रासंगिक है। परशुराम जी के समय भी देश स्वाधीन नहीं था इसलिए स्वाधीन होने के लिए संघर्ष करने को कहा गया था क्योंकि कुछ हासिल करने के लिए कुछ खोना तो पड़ता ही है। स्वाधिन होने के लिए संघर्ष करना तो ज़रुरी है।
आज ये कैट प्रासंगिक है क्योंकि आज भले ही देश आजाद हो गया हो परंतु आज भी आजादी की जंग जारी और संघर्ष भी अभी बाकी है क्योंकि देश में आज भी कोई पूरी तरह से आजाद नहीं है।
कोई धर्म के नाम पर लूट जाता है तो कोई सत्ता के आड़ में अच्छाई का ढोंग रचता है।
गरीब को लेकर सब चिंता करते है परंतु गरीब के साथ नहीं होते।
इसलिए यह कैट पूरी तरह से प्रासंगिक है।
आज ये कैट प्रासंगिक है क्योंकि आज भले ही देश आजाद हो गया हो परंतु आज भी आजादी की जंग जारी और संघर्ष भी अभी बाकी है क्योंकि देश में आज भी कोई पूरी तरह से आजाद नहीं है।
कोई धर्म के नाम पर लूट जाता है तो कोई सत्ता के आड़ में अच्छाई का ढोंग रचता है।
गरीब को लेकर सब चिंता करते है परंतु गरीब के साथ नहीं होते।
इसलिए यह कैट पूरी तरह से प्रासंगिक है।
akshara77:
Thank
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