Pariksha ka mahatva batate Hue chote bhai ko Patra
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नई दिल्ली-६७८९४३
प्रिय छोटे,
मेरे को मां से पता चला है कि तुम परिक्षा के भय से पढ़ाई छोड़ रहे हैं। भाई यह कैसी बचपना है। क्या तुम जानते नहीं कि परिक्षा देना कितना जरूरी है। यदि तुम परिक्षा नहीं दोगे तो उत्तीर्ण कैसे होगे।
जानते हो न आज के दिन में नौकरी करना कितना जरूरी है और अगर परिक्षा ही नहीं दोगे तो नौकरी कैसे करोगे। इसलिए पढ़ो और डरो नहीं क्योंकि जीवन भी परिक्षा ही लेता है ।जिसमें तुम हर दिन सफल होते हो। फिर इस परिक्षा से डरो नहीं।
तुम्हारी दीदी
रैना।
आर जेड 56/25
नांगलोई,
नई दिल्ली -110074,
20.09.2019
प्रिय अंकुश,
मैं यहां कुशल मंगल हूँ और आशा करता हूँ कि तुम भी वहां अच्छे होंगे I यह पत्र मैं तुम्हें विद्यार्थियों के जीवन में परीक्षा का महत्व बताने के लिए लिख रहा हूँ I मुझे पिताजी का पत्र मिला जिसमें उन्होंने कहा था कि तुम परीक्षा के डर से अपनी पढ़ाई को छोड़ना चाहते हो I तुम यह एक बहुत ही गलत फैसला ले रहे हो और मैं तुम्हारा इसमें कतई साथ नहीं दूंगा I एक विद्यार्थी के जीवन में परीक्षा का बहुत अधिक महत्व है यदि हम परीक्षा नहीं देंगे तो हमें अपनी कमियों और गलतियों का अंदाजा नहीं होगा I ऐसा करने से हम कभी भी सफलता प्राप्त नहीं कर पाएंगे I हम लोग हमेशा अपनी गलतियों से कुछ ना कुछ सीखते हैं और परीक्षा में कम अंक आने पर भी हमें अपनी गलतियों को बारे में पता चलता है जिन्हें सुधार कर अच्छे अंक प्राप्त कर सकते हैं I मैं तुम्हें यही कहूंगा कि अगर परीक्षा नहीं होगी तो हमारी पढ़ाई का कोई अर्थ नहीं है I इसलिए परीक्षा से डरो नहीं उसका सामना करो बेशक तुम कम अंक लाओ लेकिन परीक्षा में डटे रहो I मेरी यही आशा है I
तुम्हारा भाई
राहुल