पश्चिमी शिक्षा का विरोध करने वाले किन्ही दो भारतीयों का नाम लिखें
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पाश्चात्य शिक्षा के विरोध में महात्मा गांधी और रविंद्र नाथ टैगोर थे।
- रवींद्रनाथ टैगोर और महात्मा गांधी दोनों ही पश्चिमी शिक्षा के विरोधी थे । वह नहीं चाहते थे कि भारत में पश्चिमी शिक्षा का विकास हो।
- 1835 से 1853 ईसवी तक मैकाले द्वारा निर्धारित नीति पर भारत में पाश्चात्य शिक्षा का विकास हुआ था।
- 1828 में स्थापित ब्रह्म समाज के संस्थापक राजा राममोहन राय ने भारत में पश्चिम शिक्षा का श्रीगणेश किया था।
- उन्होंने भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा वर्नाकुलर एजुकेशन का समर्थन करने के निर्णय का विरोध किया और इस बात पर बल दिया कि भारत में फारसी और संस्कृत के स्थान पर अंग्रेजी में शिक्षा दी जानी चाहिए।
- पाश्चात्य शिक्षा का समर्थन करने हेतु यह प्रावधान किया गया कि सरकार के सीमित साधनों का प्रयोग पश्चिमी विज्ञान तथा साहित्य के अंग्रेजी में अध्यापन हेतु किया जाए।
- सरकार द्वारा स्कूल तथा कॉलेज स्तर पर शिक्षा का माध्यम अंग्रेजी कर दिया तथा इसके विकास के लिए कई प्राथमिक विद्यालयों के स्थान पर कुछ स्कूल तथा कॉलेज खोले गए।
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