History, asked by rajkonwarisumi, 4 months ago

pashu pakshi ki bhasha ke jankar koun hai​

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MEREKO NHI PTA KON HA

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Answered by pragyathakur263
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पादित करें

भारत विशाल देश है। इसमें पशु-पक्षी भी नाना प्रकार, रंग रूप तथा गुणों के पाए जाते हैं। कुछ बृहदाकार हैं तो कुछ सूक्ष्माकार। भारत के प्राचीन ग्रथों में पशुपक्षियों का विस्तृत वर्णन मिलता है। उस समय उनका अधिक महत्व उनके मांस के कारण था। अत: आयुर्वेदिक ग्रंथों में उनका विशेष उल्लेख मिलता है।

प्राचीन वर्गीकरण संपादित करें

प्राचीन ग्रंथों में पशुपक्षियों को दो प्रमुख वर्गों में बांटा गया था-

1. जांगल और

2. आनूप

जांगल पशुपक्षियों के आठ भेद थे:

1. जंघाल (जांघ के बल चलनेवाले),

2. बिलस्थ (बिल में रहनेवाले),

3. गुहाशय (गुफा में सोनेवाले),

4. परामृग (वृक्षों पर चढ़नेवाले),

5. विष्किर (कुरेदकर खानेवाले),

6. प्रतुद (चोंच से पदार्थ नोचकर खानेवाले),

7. प्रसह (जबरदस्ती छीन कर खानेवाले),

8. ग्राम्य (गाँव में रहनेवाले)।

आनूप पशुपक्षियों के पाँच भेद थे:

1. कलेचर (नदी आदि के किनारे चलने वाले),

2. प्लव (जल पर तैरनेवाले),

3. कौशस्थ (ढक्कन के मध्य रहनेवाले),

4. पादी (पाँववाले जलजंतु), तथा

5. मत्स्य (मछली आदि)।

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