Hindi, asked by lxmidevi16782, 6 months ago

पति पत्नी तेवतिया इकट्ठा रहें धारीवाल शुरू हो गया है इस माहौल विच बुजुर्ग आदि हो रही बेकदु को ऊपर रोशनी पाऊंगा एक लेख लिखो​

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Answered by deepi39
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Explanation:

यह पुनर्जन्म का सिद्धांत हमारे रिश्तों, संबंधों आदि के साथ एक चक्र के रूप में चलता रहा है। कोई मित्र है, कोई शत्रु है, तो कोई प्रेमी है। कोई पति है, तो कोई पत्नी है। कोई, माता या पिता है, तो कोई भाई या बहन। एक कहानी से इस लेख की शुरुआत करते हैं। महाभारत में अर्जुन का पुत्र अभिमन्यु था। अभिमन्यु भगवान श्रीकृष्ण का भानजा था।

अभिमन्यु को चक्रव्यूह में घेरकर दुर्योधन, जयद्रथ आदि ने बुरी तरह से कत्ल कर दिया था। यह युद्ध के नियमों के विरुद्ध था किसी अकेले निहत्थे को मारना। यह युद्ध का टर्निंग पॉइंट था। यहीं से युद्ध के नियम टूटने प्रारंभ हुए। जब महाभारत का युद्ध समाप्त हो गया तो अर्जुन को अभिमन्यु की बहुत याद आई। उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण से कहा कि मैं एक बार अपने पुत्र से मिलता चाहता हूं। वह वर्तमान में किसी अवस्था में होगा? श्रीकृष्ण ने कहा कि उससे मिलकर क्या करोगे? निरर्थक है मिलना।

अर्जुन जिद करने लगा। तब भगवान ने अर्जुन को योग दृष्टि दी और वे दोनों एक स्थान पर गए। वहां एक बालक खेल रहा था। अर्जुन उसके पास गए और उन्होंने उसे पहचान लिया। अर्जुन ने कहा कि पुत्र अभिमन्यु, मैं तुम्हारा पिता हूं। बालक ने कहा, आप मेरे पिता कैसे हो सकते हैं? मेरे पिता तो इस वक्त घर में हैं। तब अर्जुन ने श्रीकृष्ष से कहा कि हे प्रभु, इसे भी अपने पिछले जन्म याद आ जाए, ऐसे कुछ कीजिए। तब श्रीकृष्ण ने बालक अभिमन्यु को भी दिव्य दृष्टि प्रदान की और उसे अपने पिछले जन्म की याद आ गई

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